दुर्ग : सायबर ठगों ने एक बार फिर 39 लाख की ठगी कर ली, इस बार इन शातिर ठगों ने निजी
बैंक से रिटायर्ड सीनियर मैनेजर ठगी का शिकार बनाया है, इन
सायबर ठगों ने प्लानिंग के तहत कस्टम डिपार्टमेंट में उसके द्वारा भेजे जा रहे
पार्सल में संदिग्ध सामान मिलने का झांस देकर 39.20 लाख रुपए
ठग लिए, फिलहाल पुलिस मामला दर्ज कर विवेचना की जा रही है।
पूरी घटना 18 दिसंबर की है,
जब पुरुषोत्तम बागडे नामक युवक के फोन पर एक कॉल आया और कॉल करने
वाले ने अपना नाम सुनील मित्रा बताया और कहा कि वह कस्टम डिपार्टमेंट मुंबई से बोल
रहे हैं, आपका नाम पर 15 दिसंबर को
मुंबई एयरपोर्ट पर एक पार्सल मिला है, पार्सल में 58 एटीएम कार्ड 140 ग्राम ट्रक्स भी मिले हैं, उसके साथ पार्सल किसी अंदर 16 फर्जी पासपोर्ट भी है,
जो मुंबई से मलेशिया जा रहे हैं, लेकिन इसमें
आपका नाम लिखा हुआ है। इसके बाद अमित कुमार नामक एक व्यक्ति है, पुरुषोत्तम बागडे को वीडियो कॉल किया और उसे अपना फर्जी आई कार्ड भी भेजो,
इसके बाद कहा कि जो पार्सल मिला है, वह उसी के
नाम का है इसलिए उसके खिलाफ कस्टम के कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया जा रहा है,
यदि वह उससे छुटकारा पाना चाहते हैं,तो 30
लाख रुपए आरटीजीएस के माध्यम से एक अकाउंट में जमा कर दे,
इसके बाद पुरुषोत्तम बागडे ने पैसा जमा कर दिया, उसके दो दिन बाद ही 20 दिसंबर को दोबारा उसने कॉल
किया और 5 लाख रुपए और जमा करने के लिए कहा, इसके बाद पुरुषोत्तम भगवान ने वह भी करवा दिया। सायबर सेल की जांच के बाद
सुपेला पुलिस ने तीन मोबाइल नंबर के धारकों के खिलाफ केस दर्ज किया है। ठग गैंग ने
बैंककर्मी से फर्जी पुलिसकर्मी और कस्टम अफसर बनकर बात की। नॉर्मल और वीडियो कॉल
करके धमकाया। इसके बाद उसके और उसकी पत्नी के खाते से कई किस्तों में बैंक खातों
में पैसा जमा करवा लिए।
ठग गैंग ने बैंककर्मी को झांसा दिया कि उसका कोई
पार्सल मुंबई से मलेशिया जा रहा था। पार्सल से बैंककर्मी का आधार और मोबाइल नंबर
मिला है। यहीं नहीं ठगी का पैसा जमा कराने के बाद बैंककर्मी को जमा पर्ची भी दे
रहे थे। पुलिस बैंककर्मी के बयान, दस्तावेज और ठगों
के मोबाइल की डिटेल के आधार पर आगे की कार्रवाई कर रही है। सुपेला पुलिस ने
मंगलवार रात नेहरु नगर ईस्ट निवासी पुरुषोत्तम बांगड़े की शिकायत पर केस दर्ज किया
है।
वहीं एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर ने कहा कि रिटायर्ड बैंक अधिकारी सुपेला थाने में ठगी का शिकायत दर्ज कराया बैंक अधिकारी को
कस्टम अधिकारी बनकर लगभग 39 लाख रुपए की ठगी की गई है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस और दुर्ग पुलिस लोगों को अवेयरनेस के लिए कार्यक्रम चल रही है। साइबर ठगों से जागरूक रहकर ही बच सकते हैं। डिजिटल
अरेस्ट जैसे कोई प्रावधान नहीं होता है।