रायपुर। छत्तीसगढ़ में डीजीपी के पद के लिए राज्य
सरकार द्वारा अब तक स्थायी पैनल नहीं भेजा गया है। पिछले दिनों राज्य के डीजीपी के
पद से अशोक जुनेजा के सेवानिवृत्त होने के बाद अरुणदेव गौतम के डीजीपी बनाया गया
है। बताया गया है कि वे प्रभारी डीजीपी के रूप में काम कर रहे हैं। स्थायी डीजीपी
के लिए राज्य सरकार पैनल यूपीएससी को भेजेगी। आमतौर पर तीन डीजी का पैनल भेजा जाता
है। अरुणदेव सहित तीन डीजी पहले से हैं। छत्तीसगढ़ में डीजीपी के पद के लिए राज्य
सरकार द्वारा अब तक स्थायी पैनल नहीं भेजा गया है। पिछले दिनों राज्य के
डीजीपी के पद से अशोक जुनेजा के सेवानिवृत्त होने के बाद अरुणदेव गौतम के डीजीपी
बनाया गया है।
बताया गया है कि, वे प्रभारी
डीजीपी के रूप में काम कर रहे हैं। स्थायी डीजीपी के लिए राज्य सरकार पैनल
यूपीएससी को भेजेगी। आमतौर पर तीन डीजी का पैनल भेजा जाता है। अरुणदेव सहित तीन
डीजी पहले से हैं। जीपी सिंह के प्रमोशन के बाद अब चार हो गए हैं। संभव है कि
सरकार पैनल में सबको शामिल करे। राज्य शासन के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो
प्रदेश में पूर्णकालिक डीजीपी के पद के लिए अभी प्रक्रिया होनी बाकी
है। इससे पूर्व में जब अशोक जुनेजा के संविदा नियुक्ति से रिटायर होने के
पहले राज्य शासन ने यूपीएससी दिल्ली को तीन अधिकारियों के नामों
का पैनल भेजा था। इन नामों में से एक नाम अरुणदेव गौतम पर सहमति बनी
थी। इधर श्री जुनेजा के सेवानिवृत्त होने के बाद 4 फरवरी से
श्री गौतम यहां प्रभारी डीजीपी के रूप में काम कर रहे है।
नए पैनल में शामिल हो सकते हैं ये
नाम
राज्य शासन ने अभी यूपीएससी को डीजीपी के पूर्णकालिक
पद के लिए नामों का पैनल नहीं भेजा है, लेकिन जब भी ये
पैनल भेजा जाएगा, उसमें चार या पांच अधिकारियों के नाम शामिल
हो सकते हैं। इनमें अरुणदेव गौतम, पवनदेव हिमांशु
गुप्ता के नाम प्रमुख हैं। इसी क्रम में अब जीपी सिंह का नाम भी दावेदारों में शामिल
है। वे दावेदारों में शामिल है। वे हाल ही में डीजी के रूप में पदोन्नत हुए हैं।
इससे पहले जब तीन नामों का पैनल भेजा गया था, तब वे इसमें
शामिल नहीं थे, क्योंकि उस समय उनसे संबंधित न्यायालयीन
विवाद लंबित थे। अब सभी विवादों का निपटारा हो चुका है। प्रदीप गुप्ता भी दावेदार
हैं। क्योंकि श्री गुप्ता की सेवा अवधि 30 साल होने के कारण
वे भी डीजीपी पद के दावेदारों में शामिल हो सकते हैं।