रायपुर। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल द्वारा लिये गये पत्रकार वार्ता का जवाब देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि नारायण चंदेल के पहले जो लोग भाजपा का नेतृत्व करते थे उनके साथ जो समस्या थी वही समस्या उनके साथ भी है। वे भी कांग्रेस सरकार के खिलाफ मुद्दों की कमी से जुझ रहे है, वे समझ ही नहीं पा रहे कि कांग्रेस सरकार के खिलाफ क्या आरोप लगाये, इसलिये कुछ भी बयानबाजी कर सुर्खियां बटोरने की कोशिश में है। बीते विधानसभा सत्र में भाजपा, कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लायी थी लेकिन उसके अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे औंधे मुंह गिर गये थे अब उन्हीं मुद्दों पर वे बयानबाजी कर रहे है। नारायण चंदेल कहते है सरकार श्वेत पत्र जारी करे। बेरोजगारी के मुद्दे पर श्वेत पत्र केन्द्र सरकार से मांगना चाहिए। क्योंकि केन्द्र हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था। केंद्र बतायें कितना रोजगार दिया। नारायण चंदेल को कांग्रेस की सरकार के साढ़े तीन साल और भाजपा के 15 सालों का तुलनात्मक अध्ययन करना चाहिये, उन्हें राज्य की जमीनी हकीकत का सही आंकलन मिल जायेगा। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद किसानों की स्थिति में हुये क्रांतिकारी परिवर्तन की जानकारी मिल जायेगी। जिस प्रदेश में भाजपा के राज में किसान आत्महत्या को मजबूर थे उसी छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के राज में किसान खुशहाल हुये है, उनका कर्जा माफ हुआ, किसानों को उनकी ऊपज की पूरी कीमत समर्थन मूल्य के साथ राजीव गांधी किसान न्याय योजना में 9000 रू. की इनपुट सब्सिडी मिल रही है। छत्तीसगढ़ देश में अकेला राज्य है जहां पर किसानों को धान का 2500 रू. मिल रहा है। राज्य के खेतिहर मजदूरों को राजीव गांधी ग्रामीण कृषि मजदूर न्याय योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष 7000 रू. मिल रहा। रमन राज में तेंदूपत्ता संग्राहको को 2500 रू. की राशि मिलती थी, कांग्रेस की सरकार 4000 रू. दे रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि नारायण चंदेल भले ही नेता प्रतिपक्ष नये बने है लेकिन विधायक तो पुराने है उन्हें राज्य के आंकड़ों की जानकारी होगी, इतना तो माना ही जा सकता है रमन राज में छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर 22 प्रतिशत थी कांग्रेस के राज में राज्य की बेरोजगारी दर 0.78 प्रतिशत है। यह बताता है कि छत्तीसगढ़ के युवाओं को कांग्रेस सरकार रोजगार उपलब्ध करवाने में देश में अव्वल है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि नारायण चंदेल को वास्तव में रोजगार और युवाओं की चिंता है तो वह बेरोजगारी को लेकर दिल्ली में आंदोलन करें और प्रधानमंत्री आवास का घेराव करें। मोदी ने 2014 से देश के युवाओं से वादा किया था हर साल 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देंगे अभी तक साढ़े आठ साल में 17 करोड़ युवाओं को रोजगार मिलना था रोजगार तो नहीं मिला मोदी के राज में 2.5 करोड़ युवाओं की लगी लुगाई नौकरी चली गयी। एक सर्वे के अनुसार मोदी सरकार के राज में लोगो में इतनी निराशा घर कर गयी है कि देश के 45 करोड़ लोगो को रोजगार मिलने की आशा करना ही छोड़ दिया है। देश में ऐसी अकर्मण्य सरकार चलाने वाले दल के लोग किस नैतिकता में छत्तीसगढ़ में रोजगार के लिये आंदोलन करने जा रहे है।