January 20, 2024


VIDEO : वंदे भारत ट्रेन में सामान रखने को लेकर लड़ पड़े यात्री, पुलिस ने किया बीच-बचाव, वीडियो वायरल

'विमान की तरह अब रेलों में भी सामान ले जाने की लिमिट तय होनी चाहिए।' ऐसा हम नहीं खुद सोशल मीडिया यूजर्स कह रहे हैं। दरअसल भारत की सुपरफास्ट स्पीड ट्रेनों में से एक वंदे भारत का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें दो यात्रियों के बीच जमकर झगड़ा चल रहा है। वजह है उनका सामान और उसे रखने के लिए जगह। यात्रियों में ये झड़प इतनी बढ़ जाती है कि बीच में पुलिस को आकर बचाव करना पड़ता है।

ट्रेन में लगेज बना मुसीबत

माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्सपर 54 सेकेंड्स के इस वीडियो को एक अन्य यात्री ने अपने मोबाइल से शूट किया है। इसके कैप्शन में लिखा है- बैग स्पॉट पर वंदे भारत ट्रेन के अंदर दो अंकल के बीच क्लेश। इसमें दो शख्स अपने सामान की तरफ इशारा करते हुए लगेज स्पेसके लिए बहस कर रहे हैं। हालांकि थोड़ी ही देर में ये बहस इतनी बढ़ जाती है कि मौके पर मौजूद अन्य पैसेंजर इन्हें शांत कराते हैं। लेकिन मामला बिगढ़ता देख एक पुलिसकर्मी को वहां पहुंचकर इन्हें रोकना पड़ता है। ये ट्रेन कब और कहां जा रही थी, इसकी जानकारी फिलहाल नहीं हो सकी है। लेकिन सोशल मीडिया पर इसे 18 जनवरी को डाला किया गया है।

यूजर्स ने किए सवाल

इस वीडियो को शेयर होने के कुछ ही घंटों के अंदर करीब एक लाख लोगों ने देखा है और इस पर नेटिजन्स की लगातार अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही है। एक यूजर ने लिखा- हमारे लोग बहुत ज़्यादा सामान लेकर यात्रा करते हैं। यह हास्यास्पद है। हर कोई इसे अपनी सीट के ऊपर रखना चाहता है। लेकिन जगह केवल दो के लिए उपलब्ध है। ट्रेनों का डिज़ाइन नहीं बदला जाएगा। लोग अपनी आदतें नहीं बदलेंगे। दूससे यूजर ने लिखा- वंदे भारत हो या बैलगाड़ी, हम भारतीय हर जगह लड़ते हैं। वहीं इस वीडियो पर एक अन्य यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा- हम छोटी-छोटी बातों पर लोग लड़ जाते हैं। चाहे वंदे भारत हो या कोई भी उड़ान, हम भारतीय हर जगह क्लेश में शामिल होने का एक कारण ढूंढते हैं।

https://twitter.com/i/status/1747832183115706879

तीसरे ने लिखा- यह आजकल एक आम बात है। अमृतसर शताब्दीमें यात्रा करें जहां यात्रा करने वाले दो लोगों के पास पांच बड़े बैग और दो बैकपैक होंगे। अगर आप समय पर नहीं हैं, तो संभव है आपको अपने सामान के लिए जगह नहीं मिलेगी। क्योंकि सामान रखने की पूरी जगह भयंकर रूप से भरी होगी। पांचवे यूजर ने लिखा- कलेश = हर भारतीय का जन्मसिद्ध अधिकार। एक अन्य ने कहा- वंदे भारत ट्रेनों में यह बहुत सामान्य है। जब भी मैंने यात्रा की है, तो मैंने हमेशा कुछ लोगों को बैग रखने के लिए लड़ते हुए पाया है। एक और यूजर ने लिखा- हवाई जहाज की तरह प्रीमियम ट्रेनों में भी आकार और वजन की सीमा लागू की जानी चाहिए। एक यूजर ने कहा - हवाई जहाज ट्रेन बन गए हैं। ट्रेनें बसें बन गई हैं।


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