भोपाल : गणतंत्र
दिवस मध्य प्रदेश की झांकी में चीता पुनर्वाष प्रोजेक्ट को दर्शाया गया है। झांकी
के अगले हिस्से में कुनो राष्ट्रीय उद्यान के सफलता की कहानी को जीवंत करने वाले
उनके शावकों को चित्रित किया गया है। जबकि, झांकी
के मध्य में कुनो नदी और उसके आसपस जैव विविधिता को दर्शाया गया है।
कूनो राष्ट्रीय उद्यान मध्यप्रदेश के
श्योपुर जिले में कुनो नदी के तट पर स्थित है। हरे-भरे जंगलों से घिरे इस
राष्ट्रीय उद्यान में बंदर, हिरण के
साथ विलुप्त हो चुके चीतों को पुनर्वास किया गया है। गणतंत्र दिवस की झांकी में
चीतों के प्राकृतिक आवास को पनपते हुए दिखाया गया है।
चीता मित्र बता रहे
सफलता की कहानी
झांकी के मध्य में 'चीता मित्र' को भी दर्शाया गया है। जो मूलत: स्थानीय
जनजातीय समुदाय के लोग होते हैं। सरकार ने इन्हें शिक्षित और प्रशिक्षित कर चीता
संरक्षण की जिम्मेदारी सौंपी है। झांकी में बताने का प्रयास किया गया है कि चीता
प्रोजेक्ट से पर्यटन और रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं।
झांकी देख मंत्रमुग्ध
हुए दर्शक
नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर
मध्यप्रदेश की झांकी देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। वन्य जीव,
जैव विविधता और पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा देती यह झांकी कला
प्रदर्शन के साथ सतत् विकास लक्ष्यों को भी दर्शाती है। साथ ही प्रकृति के प्रति
जिम्मेदारियों का अहसास कराती है।
2023 में लाए गए थे
चीता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17
सितंबर 2023 को अपने जन्म दिन पर दक्षिण आफ्रीका
के नामीबिया से लाए गए चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। यह परियोजना भारत
के वन्य-जीव संरक्षण के व्यापक प्रयासों की दिशा में मील का पत्थर साबित हुई।
चीतों के सफल पुनर्वास ने मध्यप्रदेश को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाई है।