रायपुर| स्वादिष्ट भोजन, आदि में टमाटर का विषेश महत्व
है। इसे सब्जी बनाने से लेकर, सलाद में सूप के तौर पर, चटनी के रूप में और यहां तक कि
ब्यूटी प्रोडक्ट के रूप में भी इसे इस्तेमाल किया जाता है। इसी को ध्यान मंे रखते
हुए किसान श्री लोकेश टण्डन ने ग्राफ्टेड टमाटर की खेती कर शुद्ध 2 लाख से ज्यादा की कमाई की थी।
पिथौरा विकासखण्ड के ग्राम सपोस के कृषक श्री लोकेश टण्डन ने पिछले वर्ष राष्ट्रीय
कृषि विकास योजना के तहत् ग्राफ्टेड टमाटर की पैदावार की थी। उद्यानिकी विभाग
द्वारा ग्राफ्टेड टमाटर के पौधें इन्हंे उपलब्ध कराकर उन्हें तकनीकी विधि भी बतायी
थी। पहले यह मूंगफली की फसल अपने खेत से लेते थे। कम उत्पादन होने के कारण उन्हें
बहुत कम आमदनी होती थी। लेकिन उद्यानिकी विभागीय योजना में उन्होंने अपने छोटी सी
भूमि 0.40 हेक्टेयर में पिछले वर्ष 2020-21 में ग्राफ्टेड टमाटर लगाया।
जिसमें उन्होंने लगभग 250 क्विंटल से ज्यादा टमाटर की
पैदावार की। पैदावार से उत्साहित कृषक श्री टण्डन ने स्थानीय बाजार बागबाहरा और
पिथौरा एवं थोक सब्जी मंडी में लगभग 1000 रूपए क्विंटल की दर से
ग्राफ्टेड टमाटर का विक्रय किया। जिससे उन्हें लगभग 2,60,000
रूपए की
आमदनी हुई। श्री टण्डन के अनुसार खेती बाड़ी एवं अन्य खर्चें काटकर उन्हें 2,10,000
रूपए का
शुद्ध लाभ हुआ। मूॅगफली की तुलना में लगभग 15 गुणा से अधिक की आय हुई।
उद्यानिकी
विभाग के अनुसार कृषक श्री टण्डन ने अन्य फसल की जगह अब उद्यानिकी सी जुड़ी योजनाओं
का लाभ लेकर अपने 2.0 हेक्टेयर रकबे खेत में विभिन्न प्रकार की सब्जी भाजी का उत्पादन कर
रहें हैं। श्री टण्डन को विभाग द्वारा तकनीकी सहयोग भी प्रदान किया जा रहा है।
कृषक द्वारा ग्राफ्टेड टमाटर की खेती में अच्छी पैदावार और लाभ को देखते हुए
आस-पास के कृषकों का रिझान भी परम्परागत् खेतीं के अलावा बाड़ी की ओर होने लगा है।
उद्यानिकी विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी निरंतर क्षेत्रों का भ्रमण कर विभाग
द्वारा संचालित योजनाओं के बारें में कृषकों को बता रहें है।