April 06, 2025


जिसे पुलिस ने मारा वो बदमाश जिंदा मिला, सीबीआई के डर से एएसपी 'लापता', 16 साल पुराना मामला क्या?

बड़वानी : मध्यप्रदेश में बीते दिनों हुए एक फर्जी एनकाउंटर की आंच अब प्रदेश के बड़वानी जिले तक पहुंच गई है। इस मामले में अब जिले के एडिशनल एसपी अनिल पाटीदार भी फंसते नजर आ रहे हैं। दरअसल, साल 2009 में नीमच जिले में हुए एक फर्जी एनकाउंटर मामले की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है।

सीबीआई ने डीएसपी ग्लैडविन एडवर्ड कार और प्रधान आरक्षक नीरज प्रधान को गिरफ्तार किया है। जिसके बाद अब इस एनकाउंटर में शामिल एएसपी अनिल पाटीदार समेत अन्य आरोपियों पर भी सीबीआई का शिकंजा कसता जा रहा है। इससे बचने के लिए एएसपी अनिल पाटीदार मां की बीमारी का बहाना बनाकर कार्यालय से छुट्टी लेकर 3 अप्रैल से इंदौर स्थित अपने घर गए हुए हैं। लेकिन, तब से उनका मोबाइल भी बंद आ रहा है। बता दें कि एएसपी अनिल पाटीदार की बड़वानी जिले में यह दूसरी पोस्टिंग है। इसके पूर्व वे जिले के सेंधवा में एसडीओपी के पद पर भी पदस्थ रह चुके हैं।

जानिए, क्या है मामला  

नीमच जिले में 2009 में नलवा निवासी कुख्यात आरोपी बंसी गुर्जर का एनकाउंटर किया गया था, पुलिसकर्मियों ने उसे मारने का दावा किया गया था। इसे लेकर नीमच के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक वेद प्रकाश और मनासा ब्लॉक के तत्कालीन एसडीओपी अनिल पाटीदार समेत 20 पुलिसकर्मियों ने जमकर वाहवाही लूटी थी। बता दें कि आरोपी बंसी पर राजस्थान की जोधपुर पुलिस पर हमला कर रतनलाल मीना नामक आरोपी को छुड़ाने का आरोप था। जिसके बाद नीमच पुलिस ने दो दल गठित कर बंसी गुर्जर को एनकाउंटर में मारने का दावा किया था।

एनकाउंटर में मरा आरोपी ज़िंदा पकड़ा गया

इस पूरे मामले में नया मोड़ तब आया जब साल 2012 में तत्कालीन आईजी उज्जैन उपेंद्र जैन की बनाई गई एक पुलिस टीम ने आरोपी बंसी गुर्जर को जिंदा पकड़ लिया। पूछताछ में बंसी ने बताया कि उस पर कई मामले दर्ज थे, जिनसे बचने के लिए उसने खुद को मृत घोषित करने का षड्यंत्र रचा था। उसने यह भी बताया कि इसी तरह का एक षड्यंत्र राजस्थान के ही छोटी सादड़ी निवासी घनश्याम धाकड़ ने भी किया था। उसने भी खुद को मृत घोषित करने का आइडिया बंसी गुर्जर के कहने पर अपना लिया था। यह पूरा मामला जांच के लिए सीआईडी को सौंपा ही जा रहा था कि इसी बीच हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर दी गई, जिसके बाद 2014 में इस मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी सीबीआई को सौंप दी गई थी।

डीएसपी और प्रधान आरक्षक गिरफ्तार

सीबीआई मामले की जांच कर रही है। बीते मंगलवार को ही सीबीआई ने डीएसपी ग्लैडविन (तत्कालीन रामपुरा थाना प्रभारी) और तत्कालीन आरक्षक नीरज प्रधान (अब प्रधान आरक्षक) को पूछताछ के लिए समन जारी किया था। बाद में उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया, दो दिन की पुलिस रिमांड लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है। इन दोनों की गिरफ्तारी की भनक लगते ही बड़वानी के एडिशनल एसपी अनिल पाटीदार समेत अन्य आरोपी अब भूमिगत होते नजर आ रहे हैं। वे संभावित कार्रवाई से बचने के लिए राज्यसभा की एक महिला सांसद के संपर्क में भी बताए जा रहे हैं।  

मां की बीमारी के लिए घर गए, फिर छुट्टी मांगी

बड़वानी एसपी जगदीश डाबर ने बताया कि एएसपी अनिल पाटीदार अपनी मां के बीमार होने के चलते 2 अप्रैल को कार्यालय से घर गए थे। वे साथ शासकीय वाहन और उसके वाहन चालक व गनमैन को भी इंदौर ले गए थे। अगले दिन उन्होंने व्हाट्सएप पर 10 से 12 दिन की छुट्टी की मांग की थी। इसके बाद चालक और गनमैन उन्हें छोड़कर वाहन से वापस लौट आए। इसके बाद से एएसपी अनिल पाटीदार का मोबाइल बंद आ रहा है।


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