December 22, 2022


आकाश महिला स्व-सहायता समूह की सोनमती ने मधुमक्खी पालन, कश्मीरी मिर्च और मशरूम की खेती कर कमाये 7 लाख रुपये

उद्यान विभाग मशरूम की खेती में मार्गदर्शन के साथ कर रहा तकनीकी सहयोग

बलरामपुर| मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा सदैव महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की रही है, जिसके तहत गौठानों को मल्टीएक्टिविटी से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। जिला बलरामपुर-रामानुजगंज कलेक्टर श्री विजय दयाराम के. के निर्देशन में महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं को आजीविका सवंर्धन के लिए उद्यान विभाग द्वारा प्रशिक्षण, मार्गदर्शन और मशरूम की खेती से संबंधित आवश्यक सामग्री जैसे - बीज, पॉलीथीन बैग्स, चाक पाउडर इत्यादि प्रदान कर मशरूम उत्पादन हेतु निरंतर प्रोत्साहित किया जा रहा है। बसन्तपुर गौठान के सामुदायिक बाड़ी में कार्यरत आकाश महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा मशरूम की खेती, मधुमक्खी पालन और कश्मीरी मिर्च का उत्पादन कर आत्मनिर्भरता की नई कहानी गढ़ रही हैं। विकासखण्ड वाड्रफनगर के ग्राम बसन्तपुर के गौठान में संचालित सामुदायिक बाड़ी में काम करने वाली आकाश महिला स्व सहायता समूह की सदस्य श्रीमती सोनमती कुशवाहा बताती है कि पहले वे सामान्य खेती-बाड़ी करके जीवन यापन कर रहे थे, जिससे उनके परिवार के पालन-पोषण, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का खर्च वहन करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था, तथा आर्थिक तंगी रोड़ा साबित होती थी, लेकिन मुख्यमंत्री श्री भुपेश बघेल की महत्वाकांक्षी सुराजी ग्राम योजना के तहत बसन्तपुर में गौठान खुला और बिहान के माध्यम से जुड़ने का मौका मिला। जिसके बाद बंसतपुर गौठान में मल्टीएक्टिविटी के तहत उद्यान विभाग द्वारा आयोजित प्रशिक्षण शिविर में मशरूम उत्पादन, काश्मीरी मिर्च की खेती, मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण लिया। समूह से लोन लेकर घर पर ही शुरू की मशरूम खेती :- श्रीमती सोनमती कुशवाहा ने बताया कि समूह से 60 हजार रुपये का लोन लेकर घर पर ही मशरूम की खेती की, और शुरुआती दौर में ही 2 लाख रुपये की आमदनी हुई, जिससे उनके हौसले को नई उड़ान मिली तथा इसके बाद उन्होंने ने मधुमक्खी पालन और काश्मीरी मिर्च की खेती का कार्य भी प्रारंभ किया, और मधुमक्खी पालन से उन्होंने ने 60 किलोग्राम शहद का उत्पादन कर 70 हजार के आर्थिक आमदनी प्राप्त की। श्रीमती कुशवाहा ने बताया कि मशरूम की खेती से प्रतिदिन 20 से 30 किलो मशरूम का उत्पादन हो रहा है, जिसे बेचकर विगत 3 वर्षों में 7 लाख रुपये की आय अर्जित की है, तथा अपने परिवार की आर्थिक जरूरतों को पूरा कर पाने में सक्षम है।


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