भोपाल : मुख्यमंत्री
डॉ मोहन यादव ने बुधवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे
इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में 10 मेधावी छात्र-छात्राओं को स्कूटी बांटी. इसके साथ ही प्रदेश के 7,900
छात्रों को स्कूटी दी जाएगी. सीएम ने छात्र-छात्राओं को सांकेतिक
रूप से चाबी दी. इसके बाद उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि प्रतिभाशाली बच्चे
जीवन में बहुत कुछ कर सकते हैं लेकिन प्रतिभा के साथ संस्कार होना भी जरूरी है.
‘केवल मेरिट से काम
नहीं चलेगा’
सीएम ने छात्रों को संबोधित करते हुए
कहा कि केवल मेरिट से काम नहीं चलेगा, जीवन
में नैतिकता भी होनी चाहिए. देशकाल परिस्थिति के हिसाब से खुद को आगे चलना सीखना
होगा. उन्होंने बच्चों के भविष्य की बात करते हुए कहा कि मंच पर आने वाले 10
बच्चों ने अपने भविष्य बताए कि वे क्या बनना चाहते हैं. किसी भी
बच्चे ने नहीं बोला कि नेता बनना है. लोकतंत्र के लिए ये विचार करने वाला विषय है.
सीएम ने बच्चों से कहा कि उद्योगपति बनने के बारे में भी सोचो.
सीएम ने सुनाया अपने
कॉलेज का किस्सा
मुख्यमंत्री ने अपने कॉलेज में पढ़ाई
के दौरान का किस्सा सुनाते हुए कहा कि साल 1982 में मेरे भैया ने कहा था कि चुनाव लड़ो. मैंने कहा चुनाव जीतने पर क्या
मिलेगा? उन्होंने कहा- बुलेट. मैं साल 1988 तक लगातार चुनाव जीतता रहा. नई बुलेट मिलती रही.
बच्चों को मिलेगी
पेट्रोल और इलेक्ट्रिक स्कूटी
जिन मेधावी छात्रों का चयन स्कूटी के
लिए किया गया है. उनके पास विकल्प होगा कि वे पेट्रोल और इलेक्ट्रिक स्कूटी में
चुन सकें किसे, कौनसी स्कूटी चाहिए.
क्या है टॉपर स्कूटी
योजना?
इस योजना की शुरुआत साल 2023
में हुई थी. इसमें सरकारी स्कूल में 12वीं
टॉपर एक और छात्रा को स्कूटी दिया जाता है. सरकार की तरफ से ई-स्कूटी और पेट्रोल
स्कूटी के लिए दो किस्तों में पैसे दिए जाते हैं. इस योजना में 80 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.