September 07, 2022


भूपेश कैबिनेट में लिए गए कई अहम् फैसले, एससी-एसटी और पिछड़ा वर्ग अब अलग-अलग विभाग

12 हजार से अधिक शिक्षकों की होगी भर्ती और छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक होगा

रायपुर| मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट की बैठक में बड़े बदलाव के साथ ही कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। प्रदेश में अब आदिमजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग विभाग का बंटवारा होगा। अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग अलग-अलग होंगे। इसके साथ ही एससी और ओबीसी सलाहकार परिषद का गठन किया जाएगा। इसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे।अभी तक केवल जनजातीय सलाहकार परिषद कार्य कर रही थी। मुख्यमंत्री निवास में हुई इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि राज्य के बस्तर और सरगुजा संभाग में 12 हजार 489 पदों पर शिक्षकों की भर्तियां की जाएंगी। यह भर्ती व्यावसायिक परीक्षा मंडल के माध्यम से की जानी है। जल्दी ही इसकी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके अलावा प्रदेश में छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक का आयोजन किया जाएगा। इसमें हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों की कोई आयु सीमा नहीं होगी। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल-2022 में कबड्डी, खो-खो, गेड़ी, पिट्ठुल, बॉलीबाल, हॉकी और टेनिस बाल क्रिकेट को शामिल किया गया। इन खेलों के मुकाबले पुरूष और महिला दोनों श्रेणियों में होंगे। वहीं यह यहां ओलंपिक खेल चार स्तरों ग्राम पंचायत, ब्लॉक, जिला एवं राज्य स्तर पर होगा। राज्य स्तर पर छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल का आयोजन राजधानी रायपुर में होगा। इसमें सभी तरह की खेल प्रतियोगिताएं होनी हैं। प्रदेश सरकार की ओर से ग्राम पंचायतों एवं 146 ब्लॉक स्तर पर होने वाले खेल आयोजन के लिए अलग-अलग कमेटियां गठित की जाएंगी। ग्राम पंचायत स्तर पर गठित कमेटियों के संयोजक सरपंच होंगे और ब्लॉक स्तर पर गठित कमेटियों के संयोजक विकासखंड अधिकारी होंगे। खेलों में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों के भोजन, आवागमन एवं अन्य सुविधाओं के लिए ग्राम पंचायतों और विकासखण्डों के लिए बजट उपलब्ध कराया जाएगा। छत्तीसगढ़ राज्य में अनुसूचित जनजाति से संबंधित विषयों पर सरकार को सलाह देने के लिए छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति सलाहकार परिषद पहले से ही काम कर रही है। इसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ में अन्य पिछड़ा वर्ग सलाहकार परिषद और अनुसूचित जाति सलाहकार परिषद का गठन होगा। इन परिषदों में वर्ग विशेष की समस्या, आवश्यकता पर विचार किया जाएगा। वहीं विशेष वर्ग के कल्याण संबंधी निर्णय लिए जाएंगे। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री इसके अध्यक्ष होंगे तथा विभाग के भारसाधक मंत्री उपाध्यक्ष होंगे। ओबीसी परिषद में कुल 40 सदस्य होंगे, जिसमें राज्य विधान सभा में अन्य पिछड़ा वर्ग के निर्वाचित कम-से-कम 10 विधायक होने हैं। वहीं शेष सदस्य राज्य सरकार मनोनीत करेगी। अनुसूचित जाति परिषद में कुल 20 सदस्य होंगे। इनमें से अनुसूचित जाति वर्ग के कम से कम पांच विधायक शामिल होंगे। शेष सदस्यों की नियुक्ति राज्य सरकार करेगी। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के कल्याण और विकास के लिए पृथक-पृथक विभागों के गठन का निर्णय लिया गया है। इससे इन वर्गों के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का अधिक सुव्यवस्थित तरीके से क्रियान्वयन हो सकेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, मंत्रियों-अफसरों की संख्या सीमित है इसलिए हो सके तो तीनों विभागों के मंत्री और सचिव एक ही हों, या दो लोगों को जिम्मेदारी दी जाए लेकिन संचालनालय अलग-अलग हो जाएंगे। अभी तीनों का काम एक ही संचालनालय से होता है। राज्य शासन की ओर से अधिसूचित अनुसूचित क्षेत्रों बस्तर और सरगुजा संभाग के जिलों सहित बिलासपुर संभाग के कोरबा व गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के जिला स्तरीय व संभाग स्तरीय पदों पर नियुक्त व्यक्तियों का स्थानान्तरण , प्रतिनियुक्ति, संविलियन, संलग्नीकरण जिले और संभाग के बाहर नहीं किया जाएगा। किसानों के सहकारी ऋणों पर ब्याज अनुदान नियम 2021 में संशोधन प्रारूप का अनुमोदन किया गया। जिसके अनुसार उद्यानिकी कार्यों, मत्स्य पालन और गोपालन के लिए लघु व सीमांत किसानों को 3 लाख रुपए तक का अल्पकालीन लोन बिना ब्याज के मिलेगा। अभी तक एक लाख तक के लोन पर एक प्रतिशत और तीन लाख तक के कर्ज पर तीन प्रतिशत ब्याज लगता था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, इससे किसानों को बड़ी राहत मिलने वाली है। राज्य में किसानों के हित में कृषि और उससे संबंधित उद्यानिकी, मछलीपालन, पशुपालन आदि संबद्ध विभागों की गतिविधियों को एक ही जगह से क्रियान्वित करने के लिए अन्य विभागों की तरह कृषि भवन बनेगा। इसके निर्माण के लिए नवा रायपुर अटल नगर के सेक्टर 19 में 3.14 एकड़ भूमि चिह्नांकित की गई है। इसके लिए एक रुपए टोकन में भूमि आबंटित करने का निर्णय लिया गया। राज्य में पंप स्टोरेज आधारित जल विद्युत परियोजनाओं की स्थापना के लिए निवेश को प्रोत्साहन देने छत्तीसगढ़ राज्य जल विद्युत परियोजना (पंप स्टोरेज आधारित) स्थापना नीति 2022 का अनुमोदन किया गया। इसमें निजी निवेशकों को आमंत्रित किया जाएगा। योजना है कि जलाशयों पर सोलर पॉवर प्लांट लगे, वहां से दिन में बची बिजली के एक हिस्से का उपयोग पंप से पानी को लिफ्ट करने में होगा। इस पानी से टरबाइन चलाई जाएगी। यह टरबाइन फिर बिजली बनाएगा। लघु जल विद्युत परियोजना की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए विभागीय नीति-2012 में वृद्धि के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। वर्तमान में 25 मेगावॉट क्षमता के लघु जल विद्युत परियोजना की स्थापना के लिए जारी अधिसूचना फरवरी 2022 में समाप्त हो चुकी है। उसमें 10 साल की वृद्धि करने का निर्णय लिया गया।इससे छह नई परियोजना शुरू होगी। 83 मेगावॉट उत्पादन बढ़ेगा। कैबिनेट ने प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महा अभियान (पीएम कुसुम ) योजना के कम्पोनेन्ट-सी के तहत कृषि फीडरों को सौर ऊर्जा से बिजली देने के विभागीय प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है। कृषि पम्पों का सोलराईजेशन किए जाने से कृषकों को कृषि पम्पों के संचालन हेतु वर्तमान में प्राप्त हो रही बिजली के अतिरिक्त सौर ऊर्जा भी प्राप्त होगी। अतः सौर ऊर्जा उपलब्धता के समय कृषि पम्पों का संचालन सोलर ऊर्जा से होगा तथा सोलर ऊर्जा उपलब्ध नहीं होने पर वर्तमान में मिल रही बिजली मिलती रहेगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, बिजली की ट्रांसमिशन लाइन के नीचे भी सोलर प्लांट लगाकर बिजली बनाई जा सकती है। अगर सरकारी जमीन पर ऐसा प्लांट लगता है तो एक रुपए की दर पर जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। अगर किसान की जमीन है और वह सहमत है तो उसके खेत में भी प्लांट लग सकता है। इसके लिए 25 साल का एग्रीमेंट होगा। किसान को प्रति एकड़ सालाना 30 हजार रुपए का किराया भी मिलेगा। इसमें 6% सालाना की वृद्धि होती रहेगी। लोक निर्माण विभाग में सहायक मानचित्रकार के 43 पदों पर नियुक्ति के लिए जारी चयन सूची के एक वर्ष तक प्रभावशील रहने की वैद्यता अवधि को शिथिल करने का निर्णय लिया गया। जल संसाधन विभाग की सिंचाई नहरों के सर्विस बैंक में पक्की सड़कों का निर्माण जल संसाधन विभाग के मद से कराए जाने के बजाए अन्य निर्माण विभागों के मद से कराए जाने का निर्णय लिया गया ताकि सिंचाई विभाग की राशि का उपयोग राज्य में सिंचाई क्षमता को बढ़ाने में किया जा सके। आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत छत्तीसगढ़ की संस्कृति पर केन्द्रित लघु फिल्म और स्वतंत्रता के 75 वर्ष और आगामी 25 वर्ष में नए भारत के निर्माण संबंधी डाक्यूमेंट्री निर्माण की कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की गई। मिशन अमृत 2.0 योजना के क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तरीय हाई पावर स्टेयरिंग कमेटी की ओर से अनुमोदित वित्तीय संरचना की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई। मिशन अमृत 2.0 योजना में प्रदेश के 169 नगरीय निकायों को सम्मिलित किया गया है। जिसके तहत नगरीय निकायों में जल प्रदाय और आवर्धन योजना के कार्य को प्राथमिकता से कराया जाना है। तीन नए मेडिकल कॉलेजों, कांकेर, महासमुंद और काेरबा में इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए कंसल्टेंट नियुक्त होंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत राज्यांश राशि की पूर्ति के लिए लोन प्राप्त करने विभाग को स्वीकृत प्रत्याभूति की अवधि मार्च 2022 को दिसम्बर 2024 तक बढ़ाया गया।


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