भोपाल : पर्यटन और संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र सिंह
लोधी ने कहा कि मध्यप्रदेश प्राकृतिक, पुरातात्विक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक पर्यटन की
दृष्टि से समृद्ध प्रदेश हैं। मध्यप्रदेश का पर्यटन की दृष्टि से गौरवशाली इतिहास
देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करता है। राज्य मंत्री श्री लोधी जबलपुर में
आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में प्रदेश में टूरिज्म क्षेत्र में सम्भावनाओं
पर सेक्टोरियल सेशन को सम्बोधित कर रहे थे। राज्य मंत्री श्री लोधी ने कहा कि
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश पर्यटन क्षेत्र में तेजी से आगे
बढ़ा है। उन्होंने बताया कि विगत वर्ष में 11 करोड़ से अधिक
पर्यटक मध्यप्रदेश के विभिन्न पर्यटन क्षेत्रों में पहुँचे, जिसमें
से अकेले महाकाल लोक उज्जैन का 5 करोड़ से अधिक पर्यटकों ने
भ्रमण किया। उन्होंने बताया कि महाकाल लोक की तर्ज पर प्रदेश के अन्य धार्मिक एवं
सांस्कृतिक स्थलों को लोक के रूप में विकसित किया जा रहा है। श्री लोधी बताया
प्रदेश में श्रीराम पथ गमन के निर्माण के लिए चित्रकूट सहित भगवान श्री राम के वन गमन से संबंधित 23 स्थानों को चिन्हित कर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है।
पर्यटन मंत्री श्री लोधी ने कहा मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश को
पर्यटन में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा हैं। हाल ही
में पीएमश्री हेली सेवा योजना के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थल को
जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि ओंकारेश्वर स्थित स्टेच्यू ऑफ वननेस से गुजरात
स्थित स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के बीच क्रूज सेवा प्रारंभ करने के लिए मध्यप्रदेश एवं
गुजरात के बीच एमओयू साइन किये गए हैं। मंत्री श्री
लोधी ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने
उपस्थित उद्योगपतियों से पर्यटन क्षेत्र में निवेश करने के लिए आगे आने की अपील
की।
प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति
श्री शिव शेखर शुक्ला ने प्रदेश में पर्यटन और आतिथ्य के क्षेत्र में संभावनाओं और
प्रदेश के गंतव्य स्थलों की विशेषताओं को विस्तार से निवेशकों के बीच रखा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 12 राष्ट्रीय उद्यान, 25 अभ्यारण्य, 7 टाइगर रिजर्व, 14 यूनेस्को विश्व विरासत स्थल (11
टेंटेटिव और 3 परमानेंट साइट) और श्री
महाकालेश्वर एवं श्री ओंकारेश्वर 2 ज्योतिर्लिंग का होना
प्रदेश को प्राकृतिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक रूप से समृद्ध
बनाता है।
प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने
निवेशकों को मध्यप्रदेश पर्यटन नीति-2019 की विशेषताओं से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि निवेशकों की सुविधा के लिए
पृथक से एक विंग बनाया गया है। ई -टेंडरिंग की पारदर्शी प्रक्रिया के द्वारा भूमि
का आवंटन किया जाता है। प्रदेश में 100 करोड़ से अधिक निवेश
करने वाले अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्ट्स को सरकारी भूमि का सीधे आवंटन किया जा सकता
है। साथ ही प्रदेश में कैपिटल पर 30 प्रतिशत की सब्सिडी,
90 करोड़ रूपये तक की दी जाती हैं। इसके अलावा ग्रामीण और दूरस्थ
क्षेत्रों के प्रोजेक्ट और ब्रांडेड श्रेणी के इन्वेस्टमेंट पर अतिरिक्त
प्रोत्साहन का प्रावधान है।
भूमि का आरक्षित मूल्य ग्रामीण
क्षेत्र में 5 लाख रूपये प्रति
हेक्टेयर, शहरी क्षेत्र में 10 लाख
रूपये प्रति हेक्टेयर और हेरिटेज संपत्ति का एक लाख रूपये प्रति संपत्ति के अनुसार
रखा जाता है। भूमि का आवंटन 90 वर्ष तक की लीज पर किया जाता
है। साथ ही स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस की प्रतिपूर्ति और वित्तीय
प्रोत्साहन दिए जाते है। निवेशक को उसकी संपत्ति को गिरवी रखने की भी अनुमति दी
जाती है। पर्यटन नीति में होटल, रिजॉर्ट, कैंपिंग साइट, हेरिटेज होटल, क्रूस
टूरिज्म, फिल्म स्टूडियो, कारवां
टूरिज्म सहित 18 प्रोजेक्ट्स को शामिल किये गए हैं।
प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने
बताया कि मध्यप्रदेश में निवेश की अपार संभावना है। पन्ना टाइगर रिजर्व के पास
लक्ष्मीपुर पैलेस, मांडू के पास
मलकाम कोठी, भोपाल में जगदीशपुर का गोंड महल और टीकमगढ़ में
मोहनगढ़ का किला के आवंटन के लिए निविदा जारी की जाएगी। प्रदेश में 400 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर निवेश किया जा सकता है। प्रमुख रूप से भोपाल में
36 हेक्टेयर से अधिक की 9 भूमि और एक
हेरिटेज संपत्ति, ग्वालियर में 2 हेक्टेयर
की भूमि, इंदौर में 175 हेक्टेयर से
अधिक की 14 भूमि और 1 हेरिटेज संपत्ति,
जबलपुर में 186 हेक्टेयर से अधिक की
9 भूमि एवं खजुराहो में 9 हैक्टेयर से अधिक की
3 भूमि और 2 हेरिटेज संपत्ति उपलब्ध
हैं।
प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने
बताया कि आगामी समय में पीपीपी मोड पर संपत्तियों का आवंटन किया जाएगा। इसमें होटल
लेक व्यू भोपाल, टेंट सिटी,
कारवां टूरिज्म, पंचमढ़ी और भोपाल में गोल्फ
कोर्स का संचालन, रोप-वे का
संचालन आदि प्रमुख हैं। इस तरह यह सभी अवसर अनायास ही निवेशकों को प्रदेश में
निवेश करने के लिए आमन्त्रित करते हैं।
प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने
बताया कि प्रदेश में फिल्मांकन को प्रोत्साहित करने और फिल्म क्षेत्र में
अधोसंरचना को बढ़ावा देने के लिए फिल्म पर्यटन नीति के माध्यम से विशेष प्रयास किए
जा रहे हैं। फीचर फिल्म पर 2 करोड़ रूपये तक, वेबसीरीज और टीवी सीरीयल पर 1
करोड़ रुपए तक, मध्यप्रदेश पर निर्मित
डॉक्यूमेंट्री पर 40 लाख रूपये तक, सिनेमा
हॉल निर्माण पर 1 करोड़ रूपये तक, फिल्म
संबंधित अधोसंरचना के विकास के लिए 90 करोड़ रूपये तक का
वित्तीय प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
ग्वालियर में विवांता एवं इंदौर में ताज और विवांता के होटल खुलेंगे- श्री
विशाल शर्मा
ताज ग्रुप ऑफ होटल्स के क्लस्टर
जनरल श्री विशाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश में होटल ऑपरेशन के दौरान पिछले 2 महीने में ही वह प्रदेश के 40 प्रतिशत
से अधिक पर्यटन स्थलों पर भ्रमण कर चुके हैं। यह उनके जीवन का अविस्मरणीय पल बन
गया है। प्रदेश की सुंदरता और पर्यटन गतिविधियों से प्रभावित होकर ताज ग्रुप ने
ग्वालियर में विवांता और इंदौर में ताज और विवांता के होटल खोले जाने का निर्णय
लिया है। आने वाले समय में प्रदेश के अन्य स्थलों पर भी होटल खोले जाएंगे।
मध्यप्रदेश फिल्मांकन के लिए सर्वाधिक अनुकूल राज्य- श्री तनुज गर्ग
एलिप्सिस एंटरटेनमेंट के
प्रोड्यूसर और मैनेजिंग पार्टनर श्री तनुज गर्ग ने कहा कि वह फिल्म निर्माण के लिए
मध्यप्रदेश आए और मध्यप्रदेश के ही होकर रह गए। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश
फिल्मांकन के लिए सर्वाधिक अनुकूल राज्य है। यहां प्राकृतिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल
बरबस ही फिल्मकारों को आकर्षित करते हैं। प्रोडक्शन हाउस और फिल्मकारों को
मध्यप्रदेश से मिलने वाली सब्सिडी और अन्य प्रोत्साहन विशेष रूप से आकर्षित करते
हैं।
मध्यप्रदेश निवेश के लिए सर्वश्रेष्ठ राज्य- श्री अनिल अग्रवाल
तथास्तु ग्रुप के मैनेजिंग
डायरेक्टर श्री अनिल अग्रवाल ने कहा कि मध्यप्रदेश निवेश के लिए सर्वश्रेष्ठ राज्य
है। विशेष रूप से पर्यटन विभाग ने भूमि आवंटन की प्रक्रिया को आसान बनाया है। इसके
साथ अधिकारियों का सरल व्यवहार और सहयोग निवेशकों को प्रदेश में निवेश करने के लिए
प्रोत्साहित करता है।
प्रदेश में धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनने की क्षमता-श्री संदीप
विजन
विजन महल के डायरेक्टर श्री
संदीप विजन ने कहा कि प्रदेश में धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनने की क्षमता
है। प्रदेश में 2 ज्योतिर्लिंग का
होना, मां नर्मदा, मां शारदा सहित 18
लोक का निर्माण शासन का बेहतरीन कदम है। उज्जैन में तो इतनी संख्या
में लोग आ रहे है कि इंदौर के होटल्स भी उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं से बुक हो
रहे है। यह प्रदेश में होटल क्षेत्र में निवेश करने वालों को आकर्षित करेगा।
साहसिक और जल पर्यटन में होटल से अधिक संभावना-श्री गजेन्द्र सिंह राठौर
पेंच जंगल कैंप के मैनेजिंग
डायरेक्टर श्री गजेन्द्र सिंह राठौर ने कहा कि मध्यप्रदेश में साहसिक और जल पर्यटन
में होटल से अधिक संभावना है। प्रदेश में क्रूज टूरिज्म, हॉट एयर बैलूनिंग, वाटर एडवेंचर
एक्टिविटीज पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
सेक्टोरियल सेशन में निवेशकों को
प्रदेश में निवेश के लिए आमन्त्रित करने के साथ ही उनके प्रश्नों और जिज्ञासाओं का
समाधान किया गया। सेशन में पर्यटन क्षेत्र में निवेश के इच्छुक निवेशकों ने पर्यटन
नीति को सराहा और निवेश को लेकर अपनी इच्छा जताई।