भोपाल : राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि बच्चों को वन, वन्य जीव और जैव विविधता की महत्ता के बारे में बचपन से ही संस्कारित किया जाना चाहिए।
माता-पिता उन्हें जैव संरक्षण की बहुलता और आवश्यकता के बारे में जागरूक और
संवेदनशील बनाए। राज्यपाल श्री पटेल आज भोपाल में राज्य स्तरीय वन्य जीव सप्ताह के
समापन और पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने एक से 7 अक्टूबर 2024
तक आयोजित वन्य जीव सप्ताह की विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता
छात्र-छात्राओं को पुरस्कार प्रदान किए। साथ ही वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को विभिन्न
श्रेणियों में पुरस्कृत कर
बधाई दी। राज्यपाल श्री पटेल ने उपस्थित जनों को वन्य जीव संरक्षण की शपथ भी दिलाई।
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने
कहा कि हमारा संविधान पर्यावरण के संरक्षण, वन और वन्य जीवों की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रदान करता है। मौलिक
कर्तव्यों के तहत प्रत्येक नागरिक से पर्यावरण को सुरक्षित रखने में योगदान की
अपेक्षा करता है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को कुल भौगोलिक क्षेत्रफल के हिसाब से देश के सबसे बड़े वन
क्षेत्र होने गौरव प्राप्त है। बाघों के अलावा, तेंदुए, घड़ियाल,
चीता, भेड़िये और गिद्धों की सर्वाधिक संख्या
के लिये भी प्रदेश पहचाना
जाता है। हर प्रदेशवासी की प्राथमिक जिम्मेदारी है कि वे वन और वन्य जीव रूपी
अमूल्य धरोहर की विरासत को सहेज कर भावी पीढ़ी को सौंपने में अपना योगदान दे।
कोविड ने दिया प्रकृति के प्रति श्रद्धा और सौहार्द्र का सबक
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने
कहा कि सदी की सबसे बड़ी त्रासदी कोविड ने हम सबको यह सबक दिया है कि हमें सुरक्षित भविष्य के लिए प्रकृति की विविधता के प्रति श्रद्धा
और सौहार्द्र के साथ रहना होगा। हमारे ऋषि-मुनियों ने भी अपने तप त्याग और साधना से हजारों साल पहले ही इकोलॉजी तंत्र के संरक्षण के लिए प्राणियों में सद्भावना का संदेश दिया था। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में वन और वन्यजीवों का विशिष्ट
स्थान रहा है। विभिन्न देवी-देवताओं के वाहन वन्यजीव
है। अनेक विधि-विधानों में भी पेड़-पौधों की
आराधना होती है।
शपथ को अपने कार्य और व्यवहारों में शामिल करे
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने
राज्य स्तरीय वन्य जीव सप्ताह के समापन अवसर पर उपस्थित जनों को वन्य जीव संरक्षण, संवर्धन और सुरक्षा की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि आप सभी अपने कार्य, और व्यवहार
में शपथ का 24 घंटे और 365 दिन पालन करे। आपका यह संकल्प वनों और वन्यजीवों के संरक्षण, संवर्धन और
सुरक्षा प्रयासों को जन आन्दोलन बनाने में योगदान देगा। इसे अपना कर्तव्य मानकर कार्य करे।
राज्य मंत्री वन, श्री दिलीप अहिरवार ने कहा
कि वन्य जीव संरक्षण और कानूनों की जागरूकता में वन्य जीव सप्ताह की महत्वपूर्ण
भूमिका है। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा वन्य जीव संरक्षण, पुनर्वास,
अपराध नियंत्रण आदि प्रयासों की विस्तार से जानकारी दी।
राज्यपाल श्री पटेल का तुलसी का
पौधा भेंट कर स्वागत किया गया। स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया गया। उन्होंने
मध्यप्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड के पोस्टर, मध्यप्रदेश सामान्य तितलियाँ पोस्टर, कान्हा के
पक्षी पुस्तक, मध्यप्रदेश टाईगर फान्डेशन की वार्षिक रिपोर्ट,
वन्य जीव संरक्षण पर आधारित प्रकाशन का विमोचन किया। एक से 7
अक्टूबर तक आयोजित हुए वन्य जीव सप्ताह के आयोजन का प्रतिवेदन
प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री व्ही.के. अंबाडे ने प्रस्तुत किया। आभार संचालक वन
विहार, श्री मीना अवधेश कुमार
शिवकुमार ने व्यक्त किया। कार्यक्रम
में वन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अशोक वर्णवाल, मुख्य वन
संरक्षक, वन बल प्रमुख श्री असीम श्रीवास्तव और
अधिकारी-कर्मचारी, वन्य जीव संरक्षण से जुड़े व्यक्ति,
स्कूली बच्चें और उनके अभिभावक उपस्थित थे।