भोपाल : पंचायत
एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि ग्राम पंचायतों में
रिजल्ट ओरिएंटेड काम किए जाएं। सभी तालाबों एवं बावडियों का जीर्णोद्वार करें।
इसके लिये पंचायत बार कार्य-योजना बनाए चरणबद्ध तरीके से काम करें। पौध-रोपण के
बाद उनका सर्वाइवल रेट अधिक रहे,
इस पर भी कार्य किया जाए। मंत्री श्री पटेल ने सोमवार को मंत्रालय में
पंचायत एवं ग्रामीण विकास के विभागीय कार्यों की समीक्षा बैठक में निर्देश दिये।
मंत्री श्री पटेल ने
कहा कि मनरेगा में गत 15 नवंबर
की स्थिति में जिन जनपद पंचायतों में श्रम सामग्री का अनुपात सही होगा, उनमें ग्रेवल रोड, खेत तालाब तथा अन्य नये कार्य
प्रारंभ करने की मंजूरी जारी की जा रही है। यह राशि 1 से 3
करोड़ रूपये तक स्वीकृत की जाएगी। उन्होंने कहा कि जैन मुनियों के
प्रवास मार्ग चिन्हित कर प्रमुख मार्गों पर उनके रुकने के लिए समुचित व्यवस्था की
जाये। शासकीय भूमि पर समुचित पौध-रोपण किये जायें।
समीक्षा में मंत्री
श्री पटेल ने कहा कि ग्राम पंचायतों में खेत सड़क एवं सुदूर सड़क योजना में सड़कों
की मांग एक बार में ही चिन्हित कर ली जाये,
जिससे स्वीकृति के लिए निर्णय लिया जा सके। उन्होंने निर्देशित किया
कि स्कूल शिक्षा विभाग के तहत स्कूलों की बाउंड्रीवॉल निर्माण में मनरेगा
कन्वर्जेंस रेट भी तय किया जाए।
मंत्री श्री पटेल ने
कहा कि मनरेगा में किए जा रहे पौध-रोपण को बाउंड्रीवॉल से सुरक्षित किया जाए। पौधे
जल-स्त्रोतों के निकट ही लगाये जाये कि ये पौधे सुरक्षित भी रहें। हम सबको इसके
लिए प्रयास करना चाहिए। उन्होंने नर्मदा नदी के किनारों पर सघन पौध-रोपण करने के
निर्देश दिए। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि ग्राम पंचायतों की जनपद स्तर पर क्लस्टर
मीटिंग नियमित रूप से होना चाहिए। बैठकों में ग्राम विकास की कार्ययोजना तय की
जानी चाहिए। उन्होंने विभाग के पदस्थ इंजीनियर्स की प्रापर ट्रेनिंग कराने के
निर्देश भी दिए।
मंत्री श्री पटेल ने
निर्देश दिये कि विश्राम घाट शेड के साथ बाउंड्री वॉल का निर्माण भी किया जाए एवं
परिसर में पौध-रोपण भी किया जाए। उन्होंने बाउंड्रीवॉल निर्माण के लिए अनुमति
प्राप्त करने का पत्र केन्द्र सरकार को भेजने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि
सामुदायिक स्वच्छता परिसरों के निर्माण के लिए साइट सिलेक्शन उचित तरीके से किया
जाए एवं उनके मेंटेनेंस पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। ग्रेवल रोड के निर्माण में
यदि आवश्यक हो, तो
पुलिया के निर्माण के लिए राशि अलग से स्वीकृत की जाए।
मंत्री श्री पटेल ने
कहा कि खेत-तालाब योजना से किसान भाई विशेष रूप से लाभान्वित हो रहे हैं, अत: खेत तालाबों की स्वीकृति पर
विशेष जोर दिया जाए। ऐसे खेत जहां बजरी या मिट्टी होने के कारण इस योजना में तालाब
का निर्माण होने में कठिनाई हो रही है, वहां पर महाराष्ट्र
राज्य की तरह नवाचारी प्रयोग किया जा सकता है। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को
विस्तृत अध्ययन कर फीजीबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए।
मंत्री श्री पटेल ने
बांस के उपयोग को बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि बांस से बनी बाउंड्रीवॉल
प्राकृतिक रूप से मजबूत और सुंदर होती है। उन्होंने पौध-रोपण क्षेत्र की
बाउंड्रीवॉल पर बांस रोपण करने पर जोर दिया। उन्होंने पंचायत भवन विहीन ग्राम
पंचायतों में पंचायत एवं सामुदायिक भवन बनाने के कार्य की भी समीक्षा की। विभाग
में अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों में प्रावधानों पर स्पष्ट रूप से विचार करने के
लिए निर्देश दिये। पंचायतों में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए नवकरणीय
ऊर्जा विभाग के अधिकारियों से मिलकर स्पष्ट कार्य योजना भी बनाने के निर्देश दिए।
उन्होंने का कि विधानसभा के लंबित मामलों का निराकरण समय-सीमा में किये जाए।
बैठक में विभागीय
प्रमुख सचिव श्रीमती दीपाली रस्तोगी,
मप्र ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकारण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री
दीपक आर्य, आयुक्त मनरेगा श्री अवि प्रसाद सहित अन्य विभागीय
अधिकारी उपस्थित रहे।