रायपुर। छत्तीसगढ़ रणजी क्रिकेट टीम के कैप्टन हरप्रीत सिंह भाटिया के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है। केस दर्ज होने के बाद से वे फरार हैं। रायपुर के विधानसभा थाने में हरप्रीत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। मामला फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल करने का है।
महालेखाकार कार्यालय रायपुर की ओर से विधानसभा थाने में शिकायत दर्ज करायी गयी है।
शिकायत में कहा गया है कि हरप्रीत सिंह भाटिया ने वर्ष 2014 में लेखाकार के पद पर भर्ती के लिए आवेदन किया था। इसमें हरप्रीत सिंह भाटिया ने शैक्षणिक योग्यता के तहत झांसी के बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से बीकॉम फाइनल ईयर की माकज़्शीट दी थी। इस फर्जी दस्तावेज की मदद से हरप्रीत सिंह भाटिया को नौकरी मिल गई।
वर्ष 2014 से अब तक महालेखाकार विभाग भी जांच एवं सरकारी प्रक्रिया में लगा हुआ था। इस वजह से क्रिकेटर के खिलाफ मामला उजागर नहीं हो सका। अब बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की ओर से बताया गया कि उन्होंने हरप्रीत सिंह को मार्कशीट जारी नहीं की है। विभाग ने हरप्रीत सिंह भाटिया के खिलाफ धारा 420 धारा 468 धारा 467 धारा 469 धारा 470 और 471 के तहत मामला दर्ज किया है।
अब पुलिस हरप्रीत सिंह भाटिया की तलाश कर रही है। हरप्रीत सिंह भाटिया फोन बंद कर फरार हो गया है। महालेखाकार कार्यालय के अधिकारियों से मामले के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने भी चुप्पी साधे रखी और कोई जानकारी नहीं दी।
हरप्रीत साल 2016-17 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे। उन्होंने 4 मैचों में 145 के स्ट्राइक रेट से 211 रन बनाए। विजय हजारे ट्रॉफी में भी हरप्रीत ने 629 रन बनाकर सभी को प्रभावित किया। हरप्रीत सिंह, जो आईपीएल में डेक्कन चार्लर्स सहित रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर टीम में थे, छत्तीसगढ़ रणजी टीम के कप्तान हैं।