भोपाल : मध्य प्रदेश में बढ़ते
शहरीकरण, इंडस्ट्रियल एरिया और
सड़कों पर लगातार बढ़ रही वाहनों की संख्या ने वायु प्रदूषण की समस्या को बढ़ा
दिया है. बड़े शहरों जैसे इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के
पार निकल जाता है. इस समस्या से निजात पाने के लिए सरकार एक नई पहल करने जा रही
है. वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए राज्य सरकार 15 साल
से ज्यादा पुरानी पेट्रोल और 10 साल से ज्यादा पुरानी डीजल
गाड़ियों की बिक्री पर रोक रहेगी.
प्रदेश
में अपनाया जाएगा दिल्ली मॉडल
मध्य प्रदेश में ‘दिल्ली मॉडल’ अपनाया जाएगा. दिल्ली में वायु प्रदूषण
से निजात पाने के लिए सख्त नियमों को लागू किया गया है. 15 साल
से ज्यादा पुराने डीजल वाहन और 10 साल से ज्यादा पुरानी
पेट्रोल गाड़ियों पर रोक लगा रखी है. इन्हें चलाने और खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी
है. एमपी में ये मॉडल 1 अप्रैल से लागू किया जाएगा.
ये
नियम क्यों लागू किया जा रहा है?
मध्य प्रदेश में बड़ी संख्या में
दूसरे राज्यों वाहन लाकर यहां बेचे जाते हैं. दिल्ली,
हरियाणा, राजस्थान और महाराष्ट्र इनमें सबसे
ऊपर हैं. इनमें से अधिकतर वाहन खराब हालत में होते हैं. जो वायु प्रदूषण को बढ़ाते
हैं. ये गाड़ियां 15 से 20 साल पुराने
होते हैं.
मुख्यमंत्री
ने अधिकारियों को दिए निर्देश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने
अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए है. प्रदेश में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI)
सुधारने के लिए कहा है. इसमें 15 साल से
ज्यादा पुरानी और 10 साल से अधिक पुरानी गाड़ियों को क्रमश:
पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा. परिवहन और पर्यावरण विभाग को इसे सख्ती से लागू करने के
आदेश दिए हैं.