भोपाल : मध्य प्रदेश के धार्मिक शहरों में रहने वाले
और आने वाले शराब प्रेमियों के लिए जरूरी खबर है. राज्य के सभी धार्मिक शहर जैसे
उज्जैन, अमरकंटक, खंडवा,
चित्रकूट आदि शहरों में शराब की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगने
वाली है. सीएम डॉ. मोहन यादव ने इसका ऐलान किया है. उन्होंने एक बयान में कहा कि
साधु-संतों से मिले सुझाव के बाद सरकार अपनी नीति में संशोधन करने वाली है. ऐसे
में प्रदेश के सभी धार्मिक नगरों की सीमा से बाहर ही शराब दुकानों को रखा जाएगा.
एमपी के धार्मिक नगरों में
शराबबंदी
मध्य प्रदेश में शराबबंदी को लेकर सीएम डॉ. मोहन यादव
ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने सोमवार को एक बयान देते हुए कहा-‘हमारी सरकार विचार कर रही है कि प्रदेश के धार्मिक नगरों में पूरी तरह से
शराबबंदी की जाए. साधु-संतों से लेकर कई लोगों ने सुझाव दिए हैं, जिसके बाद सरकार अपनी नीति में संशोधन करने वाली है. शराब को लेकर मिल रही
शिकायतों को लेकर सरकार गंभीर है. जल्द ही सरकार शराब दुकानों को धार्मिक नगरों की
सीमा से बाहर करेगी.’
मध्य प्रदेश आबकारी नीति
में बदलाव
वित्त वर्ष 2025-26
में मध्य प्रदेश सरकार आबकारी नीति में कई बड़े बदलाव करने वाली है.
इनमें नीलामी प्रक्रिया, धार्मिक स्थलों पर पहले से मौजूद
शराब की दुकानों को बंद करना और नवीनीकरण शामिल है. जानकारी के मुताबिक प्रदेश
सरकार साल 2025-26 के लिए एकल दुकान की नीलामी होगी. अब तक
दुकानों का ग्रुप बनाकर नीलामी की जाती थी. इसके अलावा जिन दुकानों के नवीनीकरण से
ज्यादा नीलामी पर फोकस किया जाएगा.
जानकारी के मुताबिक प्रदेश सरकार
हाते का विकल्प भी तलाशन में भी जुटी हुई है. साल 2023 में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान
ने प्रदेश में अहाते बंद करने का फैसला लिया था. शिवराज सरकार ने इसके पीछे तर्क
दिया था कि अहाते में बैठाकर शराब पिलाने से लोगों के बीच झगड़े होते हैं. साथ ही
कानून व्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ता है. लेकिन अहाते बंद करने से शराब दुकान के
आसपास लोगों द्वारा शराब सेवन बढ़ गया है. हालांकि, कुछ समय
पहले ही फैसला लिया गया था कि शराब दुकान के पास कोई शराब नहीं पी सकेगा.