भोपाल। भोपाल
के बगरोदा औद्योगिक क्षेत्र में बंद पड़ी एक फैक्ट्री में मादक दवा एमडी ड्रग
(मेफेड्रोन) का कारखाना पकड़ा गया है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और
गुजरात एटीएस (आतंकवाद निरोधी दस्ता) ने यहां शनिवार को छापेमारी कर एमडी ड्रग और
इसे बनाने में उपयोग होने वाला कच्चा माल जब्त किया है। छापे में 907
किलो एमडी ड्रग ठोस और तरल रूप में मिली है। जब्त ड्रग का लगभग 1814
करोड़ रुपये बताई जा रही है।
लगभग 25 किलो ड्रग प्रतिदिन तैयार कर रहे थे
गुजरात एटीएस के सूत्रों ने बताया कि
शुरू से ही आरोपित लगभग 25 किलो
ड्रग प्रतिदिन तैयार कर रहे थे। ड्रग बनाने में उपयोग होने वाला लगभग पांच हजार
किलोग्राम कच्चा माल, मिक्सर, ग्राइंडर,
हीटर, ग्लास फ्लास्क और अन्य उपकरण जब्त कर
फैक्ट्री को सील कर दिया गया है।
यहां नासिक (महाराष्ट्र) का रहने
वाला सान्याल बाने और भोपाल के कोटरा सुल्तानाबाद निवासी अमित प्रकाश चतुर्वेदी
एमडी ड्रग बना रहे थे। गुजरात एटीएस दोनों को गिरफ्तार कर ले गई है। गुजरात के गृह
राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा है कि गुजरात एटीएस और एनसीबी
(ऑपरेशन) ने अब तक सबसे बड़ी कार्रवाई कर एमडी ड्रग और इसे बनाने की सामग्री जब्त
की है।
दरअसल, गुजरात
में एमडी ड्रग के कारोबार में लिप्त एक आरोपित ने पूछताछ में बताया था कि भोपाल
में ड्रग बनाई जा रही है। इसके बाद गुजरात एटीएस ने खुफिया जानकारी जुटाई। पुख्ता
प्रमाण मिलने के बाद गुजरात एटीएस के डीएसपी एसएल चौधरी के नेतृत्व में पांच
सदस्यीय टीम और एनसीबी दिल्ली के अधिकारियों ने छापा डाला।
जिस बंद फैक्ट्री में यह कारोबार चल
रहा था, वह भोपाल के भरत नगर
निवासी एके सिंह की बताई जा रही है। यहां पहले फर्नीचर और बाद में उर्वरक बनाने का
काम होता था। सात माह पहले यह फैक्ट्री उन्होंने बंद कर दी थी। इसके बाद आरोपित
सान्याल बाने और अमित प्रकाश ने फैक्ट्री किराए पर ले ली थी।
पांच वर्ष तक जेल में रह चुका है
सान्याल,केमिकल सप्लायर था अमित
आरोपित सान्याल बाने वर्ष 2017
में महाराष्ट्र के अंबोली पुलिस थाना क्षेत्र में एक किलो एमडी ड्रग
के साथ गिरफ्तार किया गया था। उसे पांच वर्ष की सजा हुई थी। जेल से छूटने के बाद
उसने अपने पुराने दोस्त अमित प्रकाश चतुर्वेदी से संपर्क किया। दोनों ने ड्रग
बनाने और बेचने का काम शुरू कर दिया। वहीं अमित इससे पहले केमिकल सप्लाई का काम
करता था।
जयदीप और एके सिंह पर हुई
एफआइआर
कटारा हिल्स थाना प्रभारी बिजेंद्र निगम ने बताया कि 2022 में जयदीप सिंह के नाम से जमीन आवंटन किया गया था। उसने फर्नीचर फैक्ट्री
के नाम से जमीन खरीदी थी। बाद में 2023 में उसे एके सिंह को
बेच दी थी। इस दौरान उन्होंने पुलिस सत्यापन नहीं कराया था। पुलिस ने बीएनएस की
धारा 223 के अंतर्गत दोनों पर कार्रवाई की है।
भोपाल पुलिस के सहयोग से नीमच से
गिरफ्तारी
मादक पदार्थ तस्करी में एक अन्य अहम सफलता मिली , जब भोपाल पुलिस के सहयोग से मंदसौर पुलिस और गुजरात पुलिस द्वारा एक अन्य
आरोपित को गिरफ्तार किया गया है। बताया गया है कि यह युवक भी इसी गिरोह से जुड़ा
हुआ था।