रायपुर : छत्तीसगढ़ ईओडब्लू ने कांग्रेस सरकार में महाधिवक्ता रहे सतीश
चंद्र वर्मा और नान घोटाले के आरोपी पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और पूर्व आईएएस आलोक
शुक्ला के खिलाफ एफ़आइआर उन व्हाट्सएप चैटों का आधार बताती है जो राज्य में कई बार
कई माध्यमों से वायरल हुए थे.
व्हाट्सएप चैट के माध्यम से यह आरोप
भी लगाए गए कि, हाईकोर्ट में दूषित तरीके
से अग्रिम ज़मानत हासिल की गई. एसीबी की ओर से दर्ज एफ़आइआर में भ्रष्टाचार निवारण
अधिनियम की धारा 7,7क, 8,13 (2) और
आईपीसी की धारा 182,211,193,195- ए,166 ए और 120 बी धाराएँ प्रभावी की गई हैं.
जानिए क्या है नान घोटाला?
बीजेपी का आरोप है कि भूपेश बघेल के
कार्यकाल में यह घोटाला हुआ, जिसमें 13,301
राशन दुकानों में अनियमितताएं सामने आईं. विशेषकर चावल में 600
करोड़ रुपये का घोटाला होने का दावा किया गया है, और कुल घोटाला एक हजार करोड़ रुपये से अधिक होने की आशंका जताई गई है.
आरोप यह भी है कि स्टॉक वैरिफिकेशन न करने के बदले में प्रत्येक राशन दुकान से 10-10
लाख रुपये वसूले गए थे.