रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु
देव साय के निर्देशन पर छत्तीसगढ़ में बाढ़ नैसर्गिक विपत्तियों से निपटने हेतु गठित
उच्च स्तरीय बाढ़ नियंत्रण समिति की बैठक आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में अपर
मुख्य सचिव वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग श्रीमती ऋचा शर्मा की अध्यक्षता में
सम्पन्न हुई। बैठक में बरसात के मौसम में राज्य के विभिन्न स्थानों पर बाढ़ आने पर
उससे निपटने की तैयारियों के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। बाढ़ के दौरान राहत शिविरों
की व्यवस्था सहित विभिन्न विभागों द्वारा की जाने वाली कार्यवाही एवं तैयारियों के
संबंध विस्तृत चर्चा हुई।
अपर मुख्य सचिव श्रीमती शर्मा ने कहा
है कि नगरीय क्षेत्रों में जर्जर भवनों की निगरानी लगातार की जाए। इन भवनों में
निवासरत लोगों को अन्य सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी रूप से बसाए जाने की भी
व्यवस्था की जाए। ऐसे जिले जहां बड़ी नदियां बहती है वहां पर जल स्तर पर बराबर नजर
रखी जाए। जल स्तर के खतरे के निशान पर पहुंचने की संभावना होने पर इसकी पूर्व
सूचना राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष तथा निचले जिलों को लगातार देने की व्यवस्था
सुनिश्चित की जाए। इसी तरह से बड़े जलाशयों पर कंट्रोल रूम स्थापित कर जल स्तर की
जानकारी समय-समय पर शासन को उपलब्ध करायी जाए। बांधों का जल स्तर बढ़ने पर जल निकासी हेतु निचले जिलों एवं सीमावर्ती
राज्यों को 12 घण्टे पूर्व सूचना दिए जाने के निर्देश दिए गए
हैं प्रदेश में कमजोर हो चुके पुल-पुलियों एवं ईमारतों की पहचान कर मरम्मत कर ली
जाए। साथ ही बाढ़ के समय दुर्घटना जन्य स्थलों पर सूचना फलक और बेरियर आदि की
व्यवस्था करने कहा गया है।
राज्य एवं आपदा प्रबंधन विभाग के
अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में इस माह में मानसून सक्रिय होने की संभावना है।
इसलिए सभी जिलों में वर्षा की जानकारी संकलित की जा रही है। अधिकारियों ने बताया
कि राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना भी की गई है। इसका दूरभाष क्रमांक 0771-2223471
एवं फैक्स क्रमांक 0771-2223472 है। इसके
अतिरिक्त बाढ़ नियंत्रण कक्ष से 0771-2221242 दूरभाष पर भी
सम्पर्क किया जा सकता है। जिला स्तर पर भी बाढ़ नियंत्रण कक्षों की स्थापना की गई
है। बैठक में बताया गया कि बाढ़ की स्थिति को देखते हुए पहुंचविहीन क्षेत्रों में
खाद्य सामग्री, नमक, केरोसिन, जीवन रक्षक दवाईयां, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में
चिकित्सा दलों का गठन सहित अन्य जरूरी सामग्री संग्रहित करने के निर्देश संबंधित
विभाग के अधिकारियों को दे दिए गए है।
बरसात के दिनों में पेयजल स्त्रोतों
के आस-पास साफ-सफाई एवं वहां पर ब्लिचिंग पावडर की व्यवस्था करने के निर्देश लोक
स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को दिए गए है। इसी प्रकार से ऐसे क्षेत्रों की
चिन्हांकन कर ली जाए जहां प्रतिवर्ष बाढ़ आती है। इन क्षेत्रों में सतत् निगरानी
रखने एवं अवश्यकता पड़ने पर वहां के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और उनके
ठहरने के लिए राहत शिविर आदि की समुचित योजना बनाने के निर्देश दिए गए है। बाढ़ से
बचाव संबंधित उपकरणों की मरम्मत करने और जिन जिलों में मोटरबोट उपलब्ध है,
उनकी जानकारी शीघ्र ही राहत आपदा नियंत्रण कार्यालय को दिए जाने के
निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए नगर सेना एवं नागरिक सुरक्षा के अधिकारियों को
आवश्यक कार्यवाही करने कहा गया है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अधिकारियों
को नगरीय क्षेत्रों में नालियों की साफ-सफाई बरसात के दिनों में निरंतर कराये जाने
कहा गया है।
उच्च स्तरीय बाढ़ नियंत्रण समिति की
बैठक में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव श्री अविनाश चम्पावत,
गृह विभाग के सचिव श्री अरूण गौतम, स्वास्थ्य
विभाग के विशेष सचिव श्री चंदन कुमार, विशेष सचिव कृषि श्री
सारांश मित्तर और गृह, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, लोक निर्माण,
वित्त विभाग, जल संसाधन, ऊर्जा, जनसम्पर्क, खाद्य एवं
नागरिक आपूर्ति, नगरीय प्रशासन एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी
विभाग सहित नगर सेना एवं नागरिक सुरक्षा, रेल्वे, दूरदर्शन, रेडक्रास सोसायटी, मौसम
विज्ञान एवं भारत दूरसंचार निगम के अधिकारी उपस्थित थे।