सुकमा| आबकारी मंत्री और कोंटा विधानसभा से विधायक कवासी लखमा सुकमा जिले में बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लेने के लिए निकले। हालांकि, वे इंजरम गांव से आगे कोंटा नहीं पहुंच सके। इंजरम में पानी से लबालब हुई नेशनल हाईवे के कुछ हिस्से को तो मंत्री कवासी लखमा ने पिकअप और कलेक्टर व एसपी ने ट्रैक्टर से कुछ दूर तक तो पार कर लिया, लेकिन बढ़ते जलस्तर को देख उन्हें लौटना पड़ा। मंत्री कवासी लखमा ने इंजरम गांव के लोगों से जरूर मुलाकात की, आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने अधिकारियों को निर्देश दिए की बाढ़ प्रभावित इलाकों में जल्द से जल्द सुविधाएं पहुंचाएं। जिन गांवों में लोग फंसे हुए हैं, उन्हें जल्द से जल्द निकाल कर राहत शिविर कैंप तक लाया जाए। जिन गांवों का संपर्क ब्लॉक और जिला मुख्यालयों से कट गया है, वहां तक राहत सामग्री राशन, दवाइयां जैसी जरूरत के सामान भेजें। कवासी लखमा ने ग्रामीणों के रेस्क्यू के लिए 1 मोटर बोट और रसद सामानों की व्यवस्था की। जिसे बाढ़ प्रभावित इलाकों में भिजवाया है। आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहां की छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य तेलंगाना और महाराष्ट्र में लगातार बारिश हो रही है। वहां पर नदियों में बने डेम को खोल दिया गया है। गोदावरी और शबरी नदी उफान पर आ गई है। इसी वजह से जिले के कोंटा, इंजरम और डोंड्रा गांव पूरी तरह बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं। लखमा ने कहा कि, जब भाजपा की सरकार थी तब भी आपदा आती थी, लेकिन लोगों के लिए काम नहीं होते थे। आज कांग्रेस की सरकार को बाढ़ ने फंसे लोगों की चिंता है। इसलिए सरकार, प्रशासन सब मिलकर लोगों के लिए काम कर रहे हैं। आबकारी मंत्री कवासी लखमा सुकमा के बाद चौपर से बीजापुर पहुंचे। राहत शिविर में रखे गए कोंडमोसा, रामपेटा के बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की। ग्रामीणों को हर संभव मदद करने का भरोसा दिलाया। उन्होंने राजस्व अमला को लगातार निगरानी रखने पंच, सरपंच, कोटवार, सचिव, पटवारी एवं मैदानी अमला को सतर्क रहकर पल-पल की जानकारी देने के निर्देश दिए। लखमा ने कहा कि स्थिति सामान्य होने पर क्षतिपूर्ति का आकलन किया जाएगा। फसल नुकसान एवं चल-अचल संपत्ति की क्षतिपूर्ति शासन के नियमानुसार की जाएगी।