गीदम/दांतेवाड़ा
: बाला (बिल्डिंग अज लर्निंग ऐड) अवधारणा के तहत किए जा रहे शैक्षिक एवं भौतिक विकास
कार्यों को जिला शिक्षा अधिकारी एस के अंबस्ता ने पीएम श्री स्कूल पोटा केबिन
गुमडा में निरीक्षण किया। इस अवधारणा के माध्यम से स्कूल की भौतिक संरचनाओं को
शैक्षणिक संसाधनों के रूप में उपयोग किया जा रहा है, जिससे छात्रों के सीखने की प्रक्रिया को और अधिक रोचक और
प्रभावी बनाया जा सके। निरीक्षण के दौरान डीईओ एस के अंबस्ता ने स्कूल की कक्षाओं,
दीवारों, आंगन एवं अन्य संरचनाओं पर बाला
कॉन्सेप्ट के अंतर्गत की गई रचनात्मक गतिविधियों जैसे खेल खेल में शिक्षण एवं
सीखने संरचनाओं को सराहना किया । उन्होंने देखा कि किस प्रकार स्कूल की दीवारें,
फर्श और अन्य स्थान शैक्षिक उद्देश्यों की पूर्ति कर रहे हैं।
उदाहरण के लिए, दीवारों पर और आंगन में गणितीय और भाषा से
संबंधित जानकारी दी गई है, जिससे छात्र खेल-खेल में सीखने की
प्रक्रिया में शामिल हो रहे हैं। बाला अवधारणा के अंतर्गत स्कूल की दीवारों को इस
तरह से डिजाइन किया गया है कि बच्चे इन्हें खोजने और सीखने के अवसर के रूप में
उपयोग कर सकें। डिजाइन में स्थानीय और सांस्कृतिक तत्वों का समावेश किया गया है,
जिससे बच्चों को अपनी परिवेशी दुनिया से जोड़कर सीखने का अवसर मिलता
है। विशेष रूप से गणित और भाषा की दीवारें डिजाइन की गई हैं, जिनमें गिनती, जोड़, घटाव,
गुणा, और भाग के साथ-साथ भाषा के खेल-आधारित
शिक्षण जैसे कि क्रॉसवर्ड, साँप-सीढ़ी के खेल और कार्यशील
मॉडल शामिल हैं। इन मॉडलों के माध्यम से बच्चे अक्षर पहचान, कहानी
निर्माण और अन्य महत्वपूर्ण कौशल सीखते हैं। डीईओ ने शिक्षार्थ ट्रस्ट के इस दिशा
में किए गए प्रयासों की सराहना की और कहा, बाला कॉन्सेप्ट का
यह कार्यान्वयन छात्रों के समग्र विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस तरह के
नवाचारी प्रयासों से बच्चों के सीखने में रुचि बढ़ती है और उनके सीखने का स्तर भी
ऊँचा होता है। इस निरीक्षण के दौरान पीएम श्री विद्यालय नोडल अधिकारी कमल कर्मकार,
वी एस ताती, विकासखंड स्रोत समन्वयक गीदम
जितेंद्र सिंह चौहान, संकुल समन्वयक गया प्रसाद नाग, शिक्षार्थ ट्रस्ट समन्वयक सुमन और विद्यालय के समस्त शिक्षक उपस्थित रहे।