लखनऊ। दिल्ली की रहने वाली सौम्या अग्रवाल लंदन में इंजीनियरिंग की नौकरी करती थीं। दो साल तक लंदन में इंजीनियरिंग की नौकरी करने के बाद वह भारत देश लौट आयीं और कड़ी मेहनत करके पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में वर्ष 2008 में 24वीं रैंक हासिल की। पहले ही प्रयास में आईएएस अफसर बनीं सौम्या अग्रवाल ने 10 जून 2022 को उत्तर प्रदेश के चर्चित बलिया जिले के डीएम के रुप में कार्यभार संभाला है।
आईएएस सौम्या अग्रवाल के जीवन से वह तमाम प्रतियोगी परीक्षार्थी जो यूपीएससी में शामिल हो रहे हैं वे प्रेरणा ले सकते हैं। सौम्या अग्रवाल ने यह साबित कर दिया कि अगर निष्ठा और लगन से लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास किया जाये तो कुछ भी असंभव नहीं है।
सौम्या अग्रवाल मूल रुप से दिल्ली की रहने वाली हैं। उनके पिता रेलवे में सिविल इंजीनियर रहे और लंबे समय तक लखनऊ डिवीजन में तैनात रहे। सौम्या की प्रारंभिक और इंटरमीडिएट तक की शिक्षा लखनऊ से हुई है। उन्होंने लखनऊ के सेंट मैरी कांन्वेंट स्कूल से 12वीं की परीक्षा 2001 में उत्तीर्ण की।
इसके बाद वह दिल्ली चलीं गयी और दिल्ली यूनिवर्सिटी से 2004 में इंजीनियरिंग में स्नातक किया। इंजीनियरिंग में स्नातक की शिक्षा पूरी करने के बाद ही पुणे की एक निजी कंपनी में उनकी नौकरी लग गयी। कुछ दिनों के बाद इस कंपनी ने उन्हें लंदन भेज दिया।
वर्ष 2006 तक उन्होंने लंदन में इंजीनियरिंग की नौकरी किया। इसके बाद नौकरी छोड़ दी और भारत लौट आयीं। भारत आकर उन्होंने दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी की और पहले ही प्रयास में वर्ष 2008 में यूपीएससी में 24वीं रैंक प्राप्त कर आईएएस अफसर बन गयीं।
आईएएस अफसर बनने के बाद उन्हें यूपी कैडर मिला। पहली पोस्टिंग उन्हें कानपुर में संयुक्त मजिस्ट्रेट के रुप में दी गयी। इसके बाद वह महराजगंज की सीडीओ बनाई गयीं। सीडीओ रहते ही उन्हें महराजगंज में ही जिलाधिकारी बनाया गया।
यहां के बाद उन्हें उन्नाव का जिलाधिकारी बनाया गया। उन्नाव के बाद उन्हें कानपुर स्थित केस्को का एमडी बनाकर भेजा गया। योगी आदित्यनाथ की सरकार में उन्हें बस्ती जिले का डीएम बनाकर भेजा गया। अब उन्हें बलिया का डीएम बनाकर भेजा गया है। यहां बलिया में उन्होंने 10 जून 2022 को डीएम का पदभार संभाल लिया है।
आईएएस सौम्या अग्रवाल के पति मोहित गुप्ता आईपीएस अधिकारी हैं।