रायपुर। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा नेता आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण ¼PLFS½ की ताजा रिपोर्ट को राज्य के संदर्भ में गलत प्रस्तुत कर रहे है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि इस रिपोर्ट के अनुसार भी अन्य राज्यों की अपेक्षा आज भी छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर सबसे कम है। बल्कि इस रिपोर्ट ने रोजगार के संबंध में मोदी सरकार की नाकामियों को उजागर किया है। आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण ¼PLFS½ के निष्कर्षो के अनुसार ग्रामीण और शहरी भारत दोनो मंो 1972 के बाद बेरोजगारी दर सबसे अधिक है। इसका सीधा अर्थ है मोदी सरकार देश के लोगों को रोजगार उपलब्ध करा पाने में पूरी तरह असफल साबित हुई है। ग्रामीण और शहरी दोनों समूहों में पुरुषों और महिलाओं के बीच बेरोजगारी की दर भी सबसे अधिक है। 2011-12 के बाद से बेरोजगारी दर में वृद्धि ग्रामीण पुरुषों के बीच तीन गुना से अधिक है और ग्रामीण महिलाओं में दोगुनी से अधिक है। शहरी क्षेत्रों में, पुरुषों , महिलाओं में बेरोजगारी दर दोगुनी से अधिक है और बेरोजगारी दर, 15-29 साल के युवाओं और बेहतर शिक्षा पाने वाले युवाओं के बीच तेजी से बढ़ी है। ग्रामीण बेरोजगारी दर 8.5 प्रतिशत है जबकि शहरी दर 9.6 प्रतिशत है। कुल बेरोजगारी दर 8.9 प्रतिशत है। शहरी क्षेत्रों में, महिलाओं में बेरोजगारी दर पुरुषों की तुलना में अधिक है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जब 2018 में भाजपा की सरकार छत्तीसगढ़ में थी तब छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर 22 फीसदी थी आज छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर आधा फीसदी से भी कम है, जो देश में सबसे कम है। किसी भी राज्य में इतनी कम बेरोजगारी दर नही है। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ में 5 लाख युवाओं को भूपेश सरकार ने रोजगार दिया। सरकारी नौकरी के द्वार खोले गये आने वाले 5 साल में 15 लाख युवाओं को रोजगार देने के लिये छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन का गठन किया गया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आज जो देश के बेरोजगारी की दर है 50 साल के सर्वोच्च स्थान पर है। मोदी के वायदे के अनुसार हर साल 2 करोड़ युवाओं को रोजगार मिलना था लेकिन नही मिला। अभी तक 17 करोड़ युवाओं को रोजगार मिलता तो छत्तीसगढ़ की आबादी के अनुपात में लगभग 29 लाख 76 हजार युवाओं को हमारे युवाओं को रोजगार मिलता।