रायपुर। हरेली तिहार की तैयारियों के लिए सजा मुख्यमंत्री निवास एक छोटे से गांव
के रूप में नजर आ रहा है, जहां हर तरफ हरेली की धूम है।
मुख्यमंत्री निवास एक ग्रामीण मड़ई मेला की तरह सुंदर साजसज्जा में नजर आ रहा है।
रहचुली झूला, गेड़ी और सुंदर बैलगाड़ियों से पूरा परिसर हरेली
की रौनक से दमक रहा है। इसके अलावा पिट्ठूल, भौरा जैसे खेल
विशेष आकर्षण का केंद्र रहेंगे। साथ ही आगंतुक परंपरागत छत्तीसगढ़ी पकवान चीला,
खुरमी, ठेठरी, अइरसा आदि
का भी आनंद लेंगे।
रविवार को
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय हरेली के अवसर पर परंपरागत तरीके से पूजा करेंगे। हरेली
के मौके पर पशुधन की पूजा की जाती है। खेती किसानी की शुरुआत में मनाया जाने वाला
यह पर्व धरती के प्रति हमारी कृतज्ञता को व्यक्त करता है और इस भावना के अनुरूप
मुख्यमंत्री पूजा के बाद किसानों को आधुनिक कृषि उपकरणों का वितरण भी करेंगे।
समय बदलता है लेकिन छत्तीसगढ़ अपनी
परंपराएं नहीं छोड़ता। हवाई झूलों के दौर में भी रहचुली झूला की परंपरा छत्तीसगढ़ के
लोग याद रखते हैं जो उन्हें अपने ग्रामीण अंचल और पुरखों से जोड़ती है। हरेली के
पावन अवसर पर रहचुली झूले पर चढ़ते हैं और याद करते हैं कि मनोरंजन के माध्यम बदले
हैं मनोरंजन नहीं बदला है। इस अवसर पर अतिथिगण रहचुली के उत्साह को फिर से याद
करेंगे।
गेड़ी के उत्साह को याद करेंगे। सीसी
रोड से पहले के दिनों में जब ग्रामीण सड़कें मानसून की उफान में कीचड़ में तब्दील हो
जाती थीं तब गेड़ी सबसे सुरक्षित जरिया होता था ताकि कीचड़ से बच सकें। साथ ही हरेली
के मौके पर बारंबार गेड़ी चढ़कर सावन मास के उत्साह को जाहिर किया जाता था।
हरेली के मौके पर बैल भी सजते हैं और
बैलगाड़ी भी सजती है। अपने पशुधन के सम्मान के लिए, उनकी
पूजा के लिए यह बड़ा पर्व होता है। खेती किसानी की तैयारियों के बीच धरती माता के
अभिवादन का यह त्योहार है और मुख्यमंत्री साय अपने परिवार सहित परंपरागत तरीके से
हरेली की पूजा करेंगे।
होगा पारंपरिक नृत्य
इस मौके पर सबसे खास लोक संस्कृति से
जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन है। राऊत नाचा,
करमा नृत्य आदि छत्तीसगढ़ के परंपरागत नृत्यों का आयोजन होगा। इस
अवसर पर विविध लोकगीतों की प्रस्तुति भी होगी।
हरेली पर करें ‘एक पेड़ मां के नाम’ : साय
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हरेली
पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ लगाने की अपील की है। प्रदेशवासियों को हरेली त्योहार की बधाई और
शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति यहां के उत्सवों में प्रमुखता
से दिखाई देती है। छत्तीसगढ़ का लोक त्योहार हरेली छत्तीसगढ़ के जन-जीवन में रचा-बसा
खेती-किसानी से जुड़ा पहला त्यौहार है। इसमें अच्छी फसल की कामना के साथ
खेती-किसानी से जुड़े औजारों की पूजा की जाती है।
इस दिन धरती माता
की पूजा कर हम भरण पोषण के लिए उनका आभार व्यक्त करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है
कि इस बार हम धरती माता का आभार उनकी पूजा करने के साथ ‘एक पेड़ मां के नाम’ लगाएं
और हरेली की खुशियां मनाएं। साय ने कहा कि हरेली त्यौहार प्रदेशवासियों के जीवन
में खुशियां और समृद्धि लेकर आए।