महासमुंद : सिरपुर
क्षेत्र के छपोराडीह से अचानकपुर मार्ग पर गुरुवार की शाम शिक्षक कांशी पटेल
द्वारा तैयार किया गया वीडियो, जिसमें बाघ नजर आ रहा है। यह क्षेत्र घना जंगल क्षेत्र है। बारनवापारा
अभ्यारण्य से लगा हुआ है। हालांकि वन विभाग का कहना है कि बीते 10-12 साल से बाघ यहां दिखा नहीं। इस बार बाघ दिखने से वन अमला फिर से सक्रिय हो
गया है।
जंगल में लगे सीसीटीवी कैमरे से
निगरानी की जा रही है। इधर बाघ दिखने से ग्रामीणों में दहशत है। 2016
से यह क्षेत्र हाथी प्रभावित था। हाथियों ने दो दर्जन से अधिक
ग्रामीणों की जान ली है। भालू से ग्रामीणों का आमना सामना होता रहता है। अब बाघ
दिखने से ग्रामीण दहशत में हैं।
वीडियो का लोग नहीं कर
रहे भरोसा
गुरुवार शाम से प्रसारित बाघ दिखने
के वीडियो को लोग फर्जी मानते रहे हैं, इस
पर लोग भरोसा नहीं कर रहे हैं। वीडियो बनाने वाला भी खुलकर दावा करने से बच रहा
है। इसकी पड़ताल की गई तो बताया गया कि शिक्षक कांशी राम पटेल गुरुवार दोपहर इस
मार्ग से गुजर रहे थे। वे कार में थे। उनके साथ उनका परिवार था। सड़क पर बाघ देखकर
दूर ही कार रोक लिए।
बाद में इसका वीडियो बनाने लगे। बाघ
कार की ओर नहीं बढ़ा, वह सड़क पर कर पीड़ाही
बांध की ओर भाग निकला। डरे सहमे शिक्षक ने जैसा वीडियो बनाया, यह उनके लिए डर और रोमांच से भरा था। क्षेत्र में बाघ नहीं है उन्हें भी
ज्ञात था, किंतु बाघ देखकर वे मोबाइल में कैद कर लिए। इसे
दोस्तों को भेजा, बाद वीडियो वायरल हो गया।
फारेस्ट सूत्रों के हवाले से बाघ ने
पीढ़ी बांध के पास गाय को शिकार बनाया है। बाघ तीन दिनों से अचानकपुर (सिरपुर
क्षेत्र के) जंगल में है। बाघ की पहचान नर या मादा के तौर पर नहीं हो सकी है। वन
अमला धारियों से इसकी पहचान करने जुटा है। संभावना जताई जा रही है कि शेर उदंती
अभ्यारण से आया है। क्योंकि सिरपुर जंगल को यह लिंक करता है। शेर की पहचान के बाद
इसे ट्रेंक्यूलाइज कर उदंती क्षेत्र में छोड़ने की कवायद होगी। इसके लिए रायपुर से
एक्सपर्ट टीम आएगी।