रायपुर
: प्रदेश में रोज-रोज हो रही हत्याओं से प्रदेश में भय का माहौल
पैदा हो गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि प्रदेश में हत्या,
लूट, डकैती, बलात्कार,
गोलीबारी, गैंगवार की घटनाएं बढ़ गई है। पूरे
प्रदेश में मॉब लिंचिंग की घटनाएं हो रही हैं। सुकमा में पुलिस के हवलदार सहित
पांच लोगों की हत्या कर दी गई, गृह मंत्री के जिले कवर्धा
में एसपी और पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में एक उपसरपंच को जिंदा जला दिया गया। दो
दिन पहले बलौदाबाजार जिले में टोनही बताकर 11 महीने के अबोध
बच्चे सहित चार लोगों की हत्या कर दी गई कानून का डर अपराधियों पर खत्म हो गया है।
प्रदेश का आम आदमी अपने को असुरक्षित महसूस कर रहा है। रोज-रोज हो रही बलात्कार और
सामूहिक बलात्कार की घटनाओं से महिलाओं में भय समाया हुआ है। साय सरकार प्रदेश के
नागरिकों को जीवन जीने के लिये भय मुक्त वातावरण देने में असफल साबित हुई है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने
कहा कि पिछले 9 महीने की भाजपा सरकार के दौरान
प्रशासन का आतंक चरम पर है। ठेके पर रिमोट से सरकार संचालित है। जिसके चलते
प्रशासन पर सरकार का नियंत्रण पूरी तरह से खत्म हो गया है। बलरामपुर में दिनदहाड़े 5
करोड़ की डकैती हुई 5 दिन बीत जाने के बावजूद
आज तक अपराधियों का पता नहीं लगा पाए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने
कहा कि दुर्भाग्यजनक है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार को बने अभी 9
महिना नहीं हुये है, प्रदेश में अपराधियों के
हौसले बुलंद हो गये है, अपराधी बेलगाम हो चुके है, सरेआम लोगो की हत्याएं की जा रही है, गोलियां चल रही
है। प्रदेश में एक बार फिर वहीं आतंक का दौर वापस आ गया है जो 2018 के पहले था गोलियां मार कर लोगो को लूटा जाता था, अपराधी
पकड़े नहीं जाते थे, एक बार फिर से गोलिया चलायी गयी है।
अपराधी बैखोफ हो कर घूम रहे है। यह भारतीय जनता पार्टी की जंगलराज है जो छत्तीसगढ़
की राजधानी रायपुर में फिर से वापस आ गया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने
कहा कि भाजपा की सरकार में अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है। विगत दिनों आरंग में
लिंचिंग करके तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी, आरोपियों
पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने के बजाय कमज़ोर धाराएं लगाए गए, उस अमानवीय कृत्य में आरोपियों के समर्थन में भाजपा और आरएसएस के
अनुसांगिक संगठन के 5000 से अधिक लोगों ने राजधानी रायपुर के
कोतवाली थाना का घेराव किया। प्रशासन की अकर्मण्यता के चलते ही उन आरोपियों को
आसानी से ज़मानत मिल गया। भाजपा की सरकार का संरक्षण अपराधियों को है, पीड़ितों के एफआईआर तक नहीं लिखे जाते जब तक आंदोलन न हो।