रायपुर : आदिम
जाति विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम ने कहा कि वर्तमान परिवेश में सबकी
सहभागिता से ही समाज का विकास होगा। आदिवासी समाज की समृद्ध इतिहास और परंपरा है, उनके रीति-रिवाज और दैनिक-दिनचर्या व रहन-सहन
है। इस समृद्ध, संस्कृति और परंपरा के संरक्षण एवं संवर्धन
के साथ ही नई पीढ़ियों को समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से अवगत कराना होगा। उन्होंने
कहा कि इन्हीं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के कारण आदिवासी समाज की एक अलग पहचान है।
इस परम्परा को बनाएं रखना हम सबका कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि समाज का विकास
अच्छे कार्यों का अनुकरण और अपने सांस्कृतिक विरासतों को अन्य समाजों तक पहुंचाकर
किया जा सकता है।
मंत्री श्री नेताम
ने कहा कि समाज को रचनात्मक कार्याें की दिशा में आगे आना चाहिए। दिग्भ्रमित करने
वाले लोगों से बचते हुए समाज को आर्थिक,
सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक क्षेत्रों
में आगे आने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि रानी दुर्गावती, राज
मोहिनी देवी, शहीद वीर नारायण सिंह, बिरसा
मुण्डा, वीर गुण्डाधूर सहित अन्य महापुरूषों के बताए हुए
मार्गों पर चल हमें समाज के उत्थान के लिए आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा
काम करें जिससे समाज का गौरव हो, नई पीढ़ी उसके कार्यों का
अनुकरण करें। मंत्री श्री नेताम ने साहित्यिक और सामाजिक तथा शिक्षा के क्षेत्र
में उत्कृष्ट कार्य करने वाले समाज के लोगों को प्रोत्साहन देने उनका सम्मान करने
की बात कही। उन्होंने शासन की योजनाओं का शत्-प्रतिशत लाभ लेने के लिए समाज को आगे
आने की अपील की।
वन एवं जलवायु
परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप ने गोंडवाना गोड़ महासभा को सम्बोधित करते हुए
कहा कि समाज के सभी तबको के विकास के लिए हमें सर्व आदिवासी हित में काम करने की
जरूरत है। ऐसे व्यक्ति जो कई वर्षों से समाज के उत्थान में अपना जीवन समर्पित कर
रहे हैं, उनका
सम्मान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की संस्कृति परंपरा, रीति-रिवाज सहन-सहन को संरक्षित करने, समाज के
महापुरूषों के बारे में आने वाली पीढ़ी को जागरूक करने की दिशा में भी कारगर कदम
उठाने की जरूरत है। मंत्री श्री कश्यप ने मेले-मड़ई सहित आदिवासियों की जीवन शैली
को संरक्षित करने पर बल दिया।
कार्यक्रम में
प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए समाज के पदाधिकारियों ने आदिवासी समाज के विकास
के लिए अपने-अपने सुझाव भी दिए। मंत्री द्वय श्री नेताम और श्री कश्यप ने इस मौके
पर धमतरी के लेखक श्री डुमन लाल धु्रव द्वारा छत्तीसगढ़ के परंपरिक आभूषणों पर
आधारित किताब ”छत्तीसगढ़
का लोक आभूषण” का विमोचन किया। कार्यक्रम में विधायक श्री
नीलकंठ टेकाम, छत्तीसगढ़ गोंडवाना गोड़ महासभा के राष्ट्रीय
अध्यक्ष एवं पूर्व संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी, वरिष्ठ
सामाजिक कार्यकर्ता सर्वश्री पवन साय, एम.डी.ठाकुर, बी.पी.एस. नेताम, विकास मरकाम सहित बड़ी संख्या में
प्रदेश के गोंडवाना राज के पदाधिकारी उपस्थित थे।