रायपुर : राजधानी के विवादित प्रोजेक्ट
स्काई वॉक को बनाने का फैसला सरकार ने ले लिया है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के
साथ बैठक में स्काईवॉक को बनाने की सहमति बन गई है. इसके बाद सरकार अब इस पर जल्द काम शुरू होगा हैं, लेकिन
राजनीति के भेंट चढ़े स्काईवॉक को लेकर एक बार फिर से राजनीतिक गर्म है. कांग्रेसी
इसे आव्यावहारिक बता रही है. वही भाजपा शहर के ट्रैफिक को व्यवस्थित करने के लिए
इसे अहम बता रही है|
कांग्रेस सरकार ने रोका था स्काईवॉक
बनाने का काम
2017 में स्काईवॉक बनाने के
लिए विभाग की ओर से प्रेजेंटेशन बनाया गया था. प्रेजेंटेशन सरकारी अधिकारियों से
लेकर महापौर और विभाग के लोगों को दिखाया गया. जिसके बाद बनाने को लेकर आदेश जारी
किया गया और 2 सालों तक स्काईवॉक का काम तेजी से चला. लेकिन
राज्य में कांग्रेस सरकार आने के बाद 2019 में इसका काम रोक
दिया गया. इस दौरान स्काईवॉक के अधिकांश पिलर खड़े हो गए थे. मेकाहारा से लेकर
शास्त्री चौक तक स्ट्रक्चर लगभग तैयार हो गया है|
दूसरे फेस में शास्त्री चौक से
जयस्तंभ तक का स्ट्रक्चर डेवलप किया जा रहा था, लेकिन
कांग्रेस सरकार आने के बाद में स्काईवॉक में काम से ज्यादा राजनीति हुई. जिसके कारण
करोड़ों रुपए का प्रोजेक्ट अब जंग खाता हुआ पड़ा था. अब एक बार फिर से जब भाजपा की
सरकार छत्तीसगढ़ में बने तब से चर्चा तेज थी. स्काई वॉक का पुणे शुरू होगा उसी के
अनुरूप अब सहमति भी बन गई है. बैठक में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, नगरी प्रशासन मंत्री अरुण साव और रायपुर के पश्चिमी विधायक राजेश मूणत
मौजूद थे|
पर जमकर हुई सियासत
छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस
सरकार के दौरान समय-समय पर स्काईवॉक का मुद्दा सियासी गलियों में उठा. भूपेश बघेल
के नेतृव वाली कांग्रेस सरकार ने इसका काम रुकवा दिया. स्काई वाक के निर्माण पर
रोक लगने के बाद सुझाव समिति का गठन किया गया. जिसके बाद 3
जनवरी 2023 को दस्तावेजों के साथ एक पत्र
एसीबी- ईओडब्ल्यू को भेजा था. इसमें स्काई वाक में भ्रष्टाचार और अनियमितता की
जांच करने का आग्रह किया गया था. वहीं अब सरकार के पुनः स्काईवॉक के बनाने के फैसले
को लेकर कांग्रेस गैर उपयोगी बता रही है.
अंबेडकर चौक से शास्त्री बाजार चौक
और वहां से जयस्तंभ तक अभी ट्रैफिक का दबाव ज्यादा रहता है. पैदल यात्रा करने वाले
यात्रियों को चौक में पार करने में भी समस्या होती है. जिसके चलते मंथन करने के
बाद में सरकार ने यह निर्णय लिया है. अब देखना यह होगा कि कब तक स्काईवॉक जनता के
लिए समर्पित हो पता है|