बिलासपुर:
छत्तीसगढ़ में पंचायत चुनाव के पश्चात प्रदेश कांग्रेस संगठन में बदलाव की अटकलों
के बीच, पूर्व
उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव ने कहा है कि यदि उन्हें यह उत्तरदायित्व सौंपा जाता
है, तो वे इसे पूरी निष्ठा से निभाने के लिए तैयार हैं।
सिंहदेव ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी पहले ही इस पर मंथन कर चुकी है और
वर्ष 2025 में संगठनात्मक बदलाव की योजना है। अंतिम निर्णय
पार्टी का शीर्ष नेतृत्व करेगा और यदि उन्हें कोई जिम्मेदारी सौंपी जाती है,
तो वे उसे पूरी निष्ठा से निभाएँगे।
सिंहदेव ने कहा
कि कांग्रेस संगठन को मजबूत करने के लिए पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं को मिलकर काम
करना होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी नेतृत्व जो भी निर्णय लेगा, वे उसका पालन करेंगे और अपनी जिम्मेदारियों
को पूरी ईमानदारी से निभाएँगे। सिंहदेव बिलासपुर पहुंचे, जहाँ
उन्होंने पूर्व विधायक शैलेश पांडेय और प्रदेश सचिव पंकज सिंह के निवास पर उनसे
भेंट की। इस दौरान जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी भी उपस्थित थे।
जब उनसे कांग्रेस
की नगरीय निकायों में हार पर सवाल किया गया,
तो उन्होंने कहा कि प्रत्येक चुनाव की परिस्थितियाँ अलग होती हैं।
विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार तमाम आकलनों के विपरीत रही। वहीं, लोकसभा चुनाव में 4-5 सीटें जीतने की उम्मीद थी,
किंतु दुर्भाग्यवश केवल एक सीट ही मिल सकी। नगर निगम और पंचायत
चुनाव स्थानीय मुद्दों से प्रभावित होते हैं, जिनमें
प्रत्याशी की भूमिका 60-70 प्रतिशत तक महत्वपूर्ण होती है।
सिंहदेव ने कहा कि स्थानीय चुनावों में प्रत्याशी की भूमिका सबसे अहम होती है।
उन्होंने उदाहरण दिया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय स्वयं कुनकुरी से आते हैं,
लेकिन वहाँ भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। इसी तरह, सरगुजा और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के क्षेत्रों में भी कांग्रेस को
अपेक्षित सफलता नहीं मिली।
भाजपा सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार कोई नया कार्य नहीं कर रही है। भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में किसानों को 3100 रुपए प्रति क्विंटल धान का भुगतान करने का वादा किया था, जो अब तक पूरा नहीं किया गया है। जब उनसे सरकार के प्रदर्शन को अंक देने के लिए कहा गया, तो उन्होंने कहा कि वे 10 में से 4 अंक दे सकते हैं क्योंकि अभी तक सरकार ने कोई विशेष कार्य नहीं किया है।