रायपुर : भिलाई के डीपीएस स्कूल में मासूम बच्ची के साथ अनाचार की खबर
चिंताजनक है। पुलिस इस मामले का सूक्ष्म विश्लेषण करे तथा दोषियों पर कड़ी
कार्यवाही करे। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि 5 जुलाई को 5 वर्ष छात्रा अनाचार की शिकार हो जाती है शासन प्रशासन आंख बंद कर लेते हैं
जिसके कारण मजबूरन में पालक अपने 5 वर्षीय बेटी को इंसाफ
दिलाने के लिए गुहार लगाना पड़ता है और इंसाफ के लिए दर-दर भटकना पड़ता है। पीड़ित
बच्ची और उनके माता-पिता पर कितना बड़ा विपत्ति आया है यह बात वही समझ सकते हैं यह
खबर सुनकर के कलेजा फट जाता है और जिनके परिवार में अमानवीय घटना घटती है उनके ऊपर
क्या बीतता है यह वही जानते हैं।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने
कहा कि बेटियों को सुरक्षा देने में नाकाम है भारतीय जनता पार्टी की सरकार, इस घटना को करीबन एक महीना हो गया है और
शासन प्रशासन ने अब तक संज्ञान क्यों नहीं लिया? क्या इस
अमानवीय घटना पर पर्दा डाल रहे थे? कितनी शर्म की बात है
पीड़ित बच्ची के परिवार पर ही पुलिस दबाव बना रही थी कि इस घटना का रिपोर्ट दर्ज न
करें। भारतीय जनता पार्टी की सरकार में रेपिस्ट को संरक्षण देने का काम क्यों किया
जाता है? अब यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि भारतीय जनता
पार्टी के कुशासन के सरकार में अबोध बच्चियों को भी न्याय नहीं मिल पा रहा है।
क्यों भाजपा शासन में बेटियों को न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ता है? प्रदेश में महिलाओं, बेटियों के आबरू सुरक्षित नहीं
है, रोज-रोज अनाचार, हत्या, बलात्कार की घटना के कारण छत्तीसगढ़ महतारी के सर शर्म से झुक गया है और मन
बहुत व्यथित हैं।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने
कहा कि कुछ दिन पहले ही नारायणपुर जिला के स्कूल में 8 बच्चियों के साथ मानसिक शारीरिक शोषण
किया जाता है और उस घटना को दबाने का काम भी भाजपा सरकार के द्वारा किया जा रहा था
लेकिन जब कांग्रेस ने मजबूती से आवाज उठाई तो अंततः उसे संज्ञान में लेना पड़ा।
वैसे ही 15 साल शासन प्रशासन में रहे भारतीय जनता पार्टी के
सरकार में झलियामारी कांड छत्तीसगढ़ के लिए एक गहरा दाग छोड़कर गई थी, वैसे ही फिर से पिछले सात महीना में भारतीय जनता पार्टी की सरकार में
महिलाओं के साथ अत्याचार, अनाचार, बलात्कार
की बढ़ती घटनाओं में आज फिर से छत्तीसगढ़ का नाम बदनाम कर दिया है। गृह मंत्री से
कानून व्यवस्था संभाल नहीं पा रहा है तो उसे अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।