इंदौर : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ. इस हमले में आंतकियों ने 22 बेहगुनाहों की निर्मम हत्या कर दी. इस घटना ने जहां पूरे देश को झकझोर
दिया है. वहीं, जनता में इसे लेकर भारी आक्रोश भी है.
आतंकियों ने देशवासियों के बीच नफरत फैलाने के इरादे से धर्म पूछकर पर्यटकों को
गोली मारी. यह समय देश के लिए एकजुट होने का है.
इस बीच अलग-अलग राज्यों से ऐसी तस्वीरें सामने आ रही
हैं, जो शायद नहीं आनी चाहिए थी. इंदौर के मशहूर छप्पन दुकान पर
एक पोस्टर लगाया गया है, जिसमें लिखा है-‘PIGS AND
PAKISTANI CITIZENS NOT ALLOWED’. वहीं, अलग
अलग-अलग राज्यों की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज में पढ़ने गए कश्मीरी छात्रों के साथ
मारपीट की जा रही है.
सूअर और पाकिस्तानी NOT
ALLOWED
मध्य प्रदेश का इंदौर शहर सफाई के साथ-साथ अपने स्वाद
के लिए भी मशहूर है. यहां खानपान के लिए प्रसिद्ध छप्पन दुकान पर एक पोस्टर लगाया
गया है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद छप्पन दुकान पर लगाए गए पोस्टर में लिखा है-‘PIGS AND
PAKISTANI CITIZENS NOT ALLOWED’ यानी सूअर और पाकिस्तानी नागरिकों
को अनुमति नहीं है. इस पोस्टर में पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिफ मुनीर को सूअर
बताया गया है.
कश्मीरी छात्रों के साथ मारपीट
उत्तराखंड, पंजाब समेत
अलग-अलग राज्यों में कश्मीर से पढ़ने गए कश्मीरी छात्रों के साथ मारपीट के मामले
भी सामने आए हैं. उत्तराखंड के देहरादून में सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर
कश्मीरी स्टूडेंट्स को धमकी दी गई है. उन्हें जल्द से जल्द देहरादून खाली करने के
लिए कहा गया है. वहीं, पंजाब के मोहाली जिले में एक निजी
कॉलेज में कश्मीरी छात्रों के साथ मारपीट का सामने आया है.
देश की एकता को नुकसान
यह वह तस्वीरें हैं, जो देश की एकता को
नुकसान पहुंचा रही हैं. पहलगाम आतंकी हमले में जिन 28 लोगों
की जान गई है उनमें दो स्थानीय यानी कश्मीरी भी शामिल हैं. देशवासियों को यह नहीं
भूलना चाहिए कि हमले के दौरान स्थानीय लोगों ने पर्यटकों की मदद भी की. आतंकी तो
देशवासियों के बीच नफरत फैलाने के मकसद से ही आए थे. उनका मकसद ही देश को धर्म के
नाम पर बांटना था. ऐसा करके हम उनके मकसद को पूरा कर रहे हैं. यह समय देश के साथ
और एकजुट होने का है. सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की भड़काऊ पोस्ट न करें और न ही
उसका समर्थन करें.