रायपुर : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार, दो जुलाई को राजनांदगांव
के सांसद संतोष पांडे द्वारा संसद में महादेव ऐप पर दिए गए बयान पर आपत्ति जताई है
और इस निराधार बयान की लोकसभा के अध्यक्ष से शिकायत की है. उन्होंने इस बयान के तथ्यहीन
होने की शिकायत करते हुए इसे कार्यवाही से हटाने व इस पर कार्रवाई करने का अनुरोध भी
किया है|
बघेल ने मंगलवार
को ही लोकसभा के अध्यक्ष श्री ओम बिरला को लिखे पत्र में कहा है कि संसद की परंपरा
के अनुरूप ऐसे व्यक्ति पर तथ्यहीन आरोप नहीं लगाना चाहिए जो संसद में मौजूद नहीं है.
उन्होंने कहा है कि चूंकि संसद सदस्य संतोष पांडेय ने उन पर निराधार आरोप लगाए हैं
तो माननीय अध्यक्ष को सांसद से इसके तथ्य पेश करने के लिए भी कहना चाहिए| उल्लेखनीय
है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर भाग लेते हुए संतोष पांडेय ने ऑनलाइन सट्टा ऐप ‘महादेव ऐप’ का ज़िक्र
किया था. अपने भाषण में उन्होंने आरोप लगाया था कि पूर्व मुख्यमंत्री छह हज़ार करोड़
के महादेव ऐप का संचालन कर रहे थे|
अपने पत्र
में श्री बघेल ने अपने कार्यकाल में महादेव ऐप पर हुई कार्रवाई का विवरण भी दिया है.
उन्होंने लिखा है, “सच तो यह है कि मेरे मुख्यमंत्री रहते हुए ही महादेव ऐप पर क़ानूनी कार्रवाई
शुरु हुई. पूरे प्रदेश में 72 एफ़आईआर दर्ज किए गए,
150 से अधिक लोगों को गिरफ़्तार किया गया, सैकड़ों
बैंक खाते सील हुए और मोबाइल फ़ोन आदि ज़ब्त किए गए.” पूर्व मुख्यमंत्री
ने लिखा है, “महादेव ऐप चलाने वाले लोगों के खिलाफ लुक-आउट नोटिस
हमारी सरकार ने जारी किया और हमने ही केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि महादेव ऐप के
संचालकों को विदेश से गिरफ़्तार कर लाया जाए जिससे जांच आगे हो सके. ‘गूगल प्ले स्टोर’ से महादेव ऐप को हमारी सरकार की पहल
पर हटाया गया”|
संसद की परंपराओं
का हवाला देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि माननीय संसद सदस्य संतोष
पांडेय के निराधार आरोपों से उनकी राजनीतिक छवि को नुक़सान पहुंचाने की कोशिश की गई
है. इससे उन्हें मानसिक संताप भी हुआ है, इसके अलावा श्री बघेल कह चुके हैं कि वे स्पीकर
को पत्र लिख ही रहे हैं और साथ में समुचित क़ानूनी कार्रवाई करने के लिए क़ानूनविदों
से सलाह मशविरा भी कर रहे हैं|