रायपुर : विधायक कुंवर सिंह निषाद ने राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा
करते हुये कहा कि आरोपियों ने पीड़ित परिवार को गाली दी, जान से मारने की
धमकी दी, परिवार के सदस्य के घर में निर्माण काम चल रहा था
परिवार के मुखिया मोंगरा बाई इस सब को सुनकर सदमे में आयी और उसका छोटा बेटा
भुनेश्वर उसे लगभग साढ़े पांच बजे के आसपास इलाज के लिए कसडोल ले जा रहा था और कुछ
ही देर बाद लगभग शाम को छह से साढ़े छह बजे के आसपास आरोपी हैं अपने परिवार के साथ
हथियार से लैस होकर मोंगरा बाई के परिवार के घर पहुंचे और वहाँ जैसे दरवाजे में
पहुंचे गाली गलौज के साथ लोगों हथियार से मारपीट करना प्रारंभ कर दिया और सबसे पहले
उन्होंने दूध मुंहा बच्चा और उसकी माँ जो दूध पिला रही थी उसे मारा, उसके बाद उसकी बहन को मारा फिर परिवार के बड़े भाई चैतराम केंवट को मारा।
चार सदस्यों को मारने के बाद जैसी वो उनकी छोटी बहन, चार भाई
पर हमला कर रहे थे, चार साल की भतीजी घायल अवस्था में जैसे
तैसे कर प्राण बचाकर वहां से भागने में सफल हुई। इसका एक चश्मदीद गवाह चैतराम की
आठ साल की बेटी निशा जो घर में गणेश पूजा की थाली सजाकर रखी हुई थी तुरंत थाली को
लेकर घर से लगा हुआ पूजा में जाकर घुस जाती है। अपराध होने के बाद उसको एहसास होता
है कि लगभग सब शांत हो गया।
मैं उस बच्चे की हिम्मत को दाद देता हूँ वहां से निकलने के बाद मृतक सभी
सदस्यों को पहचान कर घर में रखी टार्च को लेकर जब चार सदस्य दिखे और उसकी बुआ नहीं
दिखी तो उसे ढूंढने निकल गई पीछे तक गई। नहीं मिलने के बाद वह अपने पड़ोसी के घर
पता कि तो पड़ोसी घर उसकी बुआ चारों भाई इस घटना को बताने के लिए अपने पड़ोसी के
यहां से मोबाइल लेकर अपने परिजन को इस घटना के बारे में जानकारी दी।
यह घटना केवल समाज में अंधविश्वास को बढ़ावा देने को लेकर टोनही शब्दों को
लेकर हुई और जिस परिवार ने मोंगरा बाई के परिवार को जान से मारने का पूरा बीड़ा
उठाया था जान से मारने की जिसने कसम खाई थी और उसे धमकी दी थी वह स्वयं बैगा
गुनिया का काम करता है। कहीं न कहीं वो किसी बैगा के सानिध्य में रहकर उनकी बेटी
जिसको कभी भी दौरा आता था उसको लेकर वो परिवार के प्रति एक आक्रोशित रहता था।
इस घटना के सूत्रधार बैगा जो अभी तक पकड़ में नहीं आया उस बैगा की भी
गिरफ्तारी हो। इसका चश्मदीद जब लड़ाई हो रही तीन बजे के आसपास को उसके घर में
मिस्त्री काम कर रहा था संतोष यादव उन्होंने बताया कि आरोपी के पुत्र दिलीप कुमार
स्वयं गाली गलौज कर रहा था हथियार से लैस था। स्वयं वीडियो बना रहा था उसकी भी
फूटेज अभी तक पुलिस के पास नहीं हैं। उसकी भी गवाही होनी चाहिए।
जिस प्रकार से नृशंस जो हत्याएं हुई हैं यह केवल सरकार की विफलता,
सरकार की नाकामी और छरछेद में, बलौदाबाजार
कांड के बाद भी सरकार सचेत नहीं हुई। लोहारीडीह की घटना देखी। इसी अंधविश्वास के
कारण सुकमा में भी आरक्षक के साथ उनके चार परिवार के सदस्य की हत्या हुई। लगातार
जो कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहा है।
छरछेद मामले को लेकर कांग्रेस की जांच समिति में हम लोग गये थे जिसका मैं
स्वयं संयोजक था, शेषराज हरवंश, कविता प्राण लहरे,
संदीप साहू थे हितेन्द्र ठाकुर, एमआर निषाद
तमाम हमारे समाज के साथी वहां पर थे। इस बात को लेकर लगातार हम लोग प्रशासन से,
शासन से यही मांग कर रहे है कि जो पकड़े गए आरोपी उसे कठोर से कठोर
सजा हो। मृत परिवार के परिजनों को मुआवजा मिले, समाज पचास
लाख मुआवजा की मांग करती हैं। प्रशासन और सरकार घटना की सही और स्पष्ट जानकारी
नहीं है, सरकार कहती है एक परिवार के चार लोग की हत्या एक
परिवार नहीं तीन परिवार उजड़े है।
स्वयं कार्तिक राम जिनकी दो बच्ची, उसकी बहन गंगा और रेवती, उसका भतीजा ऐसे करके चार परिवार की हत्या हुई है। दो बहन और एक भाई,
तीन परिवार उजड़े हुए हैं तो ऐसे तीन परिवार के प्रति सरकार से मांग
की है कि तीनों परिवार के आश्रितों को नौकरी दी जाए, लेकिन
सरकार अभी तक इसमें केवल खानापूर्ति की है, केवल दस लाख रुपए
मुआवजा की बात की है और कलेक्टर दर पर एक लोग को नौकरी देने की बात की थी जिससे हम
लोग संतुष्ट नहीं हैं। पूरे समाज मांग कर रही हैं, हमारी
जांच समिति मांग कर रही है इसके परिवार को सम्मानजनक अनुग्रह राशि मिले पचास लाख
तक की राशि मिले और तीनों परिवार के आश्रितों को नौकरी मिले यह हमारी प्रमुख मांग
है। सरकार केवल खानापूर्ति का काम कर रही है जिसका हम लोग विरोध कर रहे हैं और इसी
संबंध में कल कसडोल में एक धरना प्रदर्शन भी सामाजिक रूप किया जा रहा है
ताकि पीड़ित को न्याय मिल सके और उसके परिवार के प्रति एक सहानुभूति पूरे समाज की
तरफ से,अन्य लोगों की तरफ से भी और हमारे प्रदेश कांग्रेस
कमेटी के माध्यम से हमने जो एक प्रतिनिधि मंडल के साथ जाकर वहां पर एक बात की तो
हम चाहते हैं उस पीड़ित परिवार को न्याय मिले।
जांच दल के सदस्य विधायक शेषराज हरवंश ने कहा कि बलौदाबाजार जिले से लगा
कसडोल के पास का गांव छरछेद 12 तारीख की शाम की घटना के पूर्व मे
परिवार के सदस्यों को आरोपियों द्वारा दोपहर को लगभग 3 बजे
परिवार के सदस्यो को धमकाया जाता है। गाली गलौच की जाती है जान से मारने की धमकी
दी जाती है, परिवार की मुखिया इस सबको सुनकर सदमे में आयी और
साढ़े 5 बजे उनके परिवार के छोटे लड़के उनको इलाज के लिये
कसडोल ले जा रहे थे। आरोपी 6 बजे लगभग अपने परिवार के साथ
आरोपी धारधार हथियार लेकर उनके मोंगराबाई परिवार के यहां पहुंचा और दूध मुंहा
बच्चा और उसकी मां और बहन को मारा। फिर परिवार के बड़े भाई चेतराम केवट को। चार
लोगों को मारने के बाद चाराबाई अपने भतीजे को लेकर दोड़ी तो तब पीछे से हमला वार कर
दिया था वह घायल अवस्था में जैसे तैसे प्राण बचाकर भागने मे सफल हुयी। इसका
चश्मदीद गवाह 8 साल की बेटी मृतक चेतराम की बेटी जो गणेश जी
के लिये थाली सजाके रखी हुयी थी, ये घटना को देखकर तुरंत
थाली को लेकर घर से लगे पूजा घर में घुस जाती है और दरवाजा को बंद कर देती है।
अपराध होने के बाद उसको लगता कि सब शांत हो गये है वह बच्ची की हिम्मत की तारीफ
करता हू बाद में सभी मृतक की पहचान की। वह बच्ची टार्च को लेकर अपनी बुआ को ढूंढने
निकल गयी फिर वह पड़ोसी के यहां गयी वहां उसकी बुआ मिली। चारबाई इस घटना को बताने
के लिये पड़ोसी के मोबाईल से परिजन को बतायी और घटना की जानकारी दी यह घटना केवल
समाज में अंधविश्वास को बढ़ावा देने को लेकर उन्ही शब्दो को लेकर हुई जिस घटना को
जिसने अंजाम दिया वह बेगागुनिया का काम करता है वह उस परिवार के प्रति आक्रोश रहता
था। इस सबका सूत्रधार है जो बैगा जो अभी तक पकड़ में नही आया है। उसकी गिरफ्तारी हो
वहा एक ओर चश्मदीद जो वहां पर मिस्त्री का काम कर रहा था। उन्होंने बताया आरोपी के
पुत्र स्वयं गाली गलौज कर रहा था और हथियार से लैस था और वीडियो बना रहा था उसकी
फुटेज अभी तक पुलिस के पास नहीं है। जिस प्रकार से यह घटना हुयी है यह सरकार की
विफलता एवं नाकामी है। बलौदा बाजार की घटना के बाद भी सरकार ने अपराध रोकने के
लिये कुछ नही कर रही है। इसी अंधविश्वास के कारण सुकमा में 5 लोगों की हत्या हुयी। एक जांच समिति बनी इस मामले को लेकर हम लोग स्वयं
गये थे इस मामले को लेकर शासन और प्रशासन से हम यही मांग कर रहे है कि आरोपी को
कठोर से कठोर सजा हो और पीड़ित परिवार को मुआवजा मिलना चाहिये।पत्रकारवार्ता में जिला पंचायत सदस्य एवं प्रदेश
उपाध्यक्ष निषाद समाज हरिशंकर निषाद, महानगर अध्यक्ष निषाद समाज बसंत निषाद, छत्तीसगढ़ मछुआ महासंघ सचिव झुमुक लाल निषाद उपस्थित थे।