नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार 10 जून 2022 को कहा कि भारत ने अपनी संस्कृति, भाषा और धर्म के लिए 1,000 साल तक लड़ाई लड़ी, जो बेकार नहीं गई। इस लड़ाई के दौरान बलिदान देने वालों की आत्मा को आज भारत के पुनरुत्थान को देखकर शांति मिली होगी।
शाह ने यहां महाराणा: सहस्त्र वर्षों का धर्मयुद्ध नामक पुस्तक का विमोचन करने के बाद अपने संबोधन में यह बात कही। इस अवसर पर उन्होंने वर्तमान लेखकों और इतिहासकारों से आह्वान किया कि वे इतिहास पर भाष्य छोड़ कर देश के गौरवशाली इतिहास को संदर्भ पुस्तक के रूप में जनता के सामने रखें।
उन्होंने कहा, जब हमारा प्रयास किसी से बड़ा हो जाता है, तो झूठ बोलने का प्रयास अपने आप छोटा हो जाता है। हमें प्रयास बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। झूठ पर टिप्पणी करना भी झूठ का प्रचार करता है। हमें अपना इतिहास लिखने से कोई नहीं रोकता। अब हम स्वतंत्र हैं। किसी की दिलचस्पी नहीं है।
हम अपना इतिहास खुद लिख सकते हैं। शाह ने कहा कि यदि कोई समाज अपना उज्जवल भविष्य बनाना चाहता है तो उसे अपने इतिहास से प्रेरणा लेनी चाहिए, उससे सीख लेनी चाहिए और उसके इतिहास से सीखना चाहिए और आगे का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए। उन्होंने कहा, इतिहास सरकारों के कार्यक्रमों से सीखा जाता है। लेकिन इतिहास को पढऩा, जानना होता है, और यह सरकार पर आधारित नहीं होता है।
यदि हम संदर्भ पुस्तकें बनाना शुरू करते हैं, तो हम अपने दृष्टिकोण से इतिहास लिखना शुरू करते हैं। इस पर बहस करें। कि, नई पीढ़ी अभ्यास करे तो देर नहीं हुई है। यह लड़ाई बहुत लंबी है। इसके लिए जरूरी है कि हम अपना इतिहास सामने रखें।