October 17, 2024


धान खरीदी की तिथि कम करना सरकार की बदनीयती : दीपक बैज

रायपुर : कांग्रेस ने मांग किया है कि धान खरीदी 1 नवंबर से शुरू किया जाये। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि 14 नवंबर से धान खरीदी के निर्णय से सरकार की नीयत में खोट साफ नजर आ रही है। सरकार 14 नवंबर से 31 जनवरी तक धान खरीदी का निर्णय लिया है। इसका मतलब है पहले ही सरकार धान खरीदी 14 दिन कम करेगी। यदि शुरूआत देर से की जा रही है तो खरीदी की अंतिम तिथि को 15 दिन आगे बढ़ाना चाहिये। ताकि सभी किसानों का धान समर्थन मूल्य पर बिक सके। खरीदी अवधि कम करना भाजपा सरकार बदनीयती का प्रमाण है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सरकार की घोषणा के अनुसार 14 नवंबर से 31 जनवरी तक कुल 75 दिन के अंदर धान खरीदी का लक्ष्य है, इसमें से 35 दिनों लगभग एक महिना से अधिक छुट्टी है, अर्थात मात्र 40 दिन ही सरकार धान खरीदी करेगी। मात्र 40 दिनों में 30 लाख से अधिक किसानों के धान की खरीदी संभव नहीं। पंजीकृत किसानों की संख्या बढ़ी है। रकबा बढ़ा है। पैदावार भी ज्यादा हुआ है। प्रति एकड़ खरीदी की लिमिट भी बढ़ी है, फिर खरीदी की अवधि कम करने का आधार क्या है?

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा सरकार इस वर्ष धान की खरीदी 3217 रू. में करे क्योंकि 3100 रू. भाजपा ने अपने चुनावी वायदे में कहा था। केंद्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 117 रू. बढ़ा दिया है। इस कारण इस वर्ष धान की खरीदी 3100 रू. से बढ़ाकर 3217 रू. किया जाये। कांग्रेस के समय भी कांग्रेस ने धान का समर्थन मूल्य 2500 देने का वादा किया था लेकिन समर्थन मूल्य बढ़ने पर कांग्रेस ने 2640 रू. में धान खरीदी किया था।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सरकार किसानों का बकाया राजीव गांधी किसान न्याय योजना की चौथी किस्त का भुगतान दीपावली से करें ताकि किसान दीपावली मना सकें। किसानों के द्वारा पिछले वर्ष बेचे गये धान की कीमत की अंतिम किस्त जो सरकार को देना था, भाजपा सरकार ने उसको भी नहीं दिया है। किसानों का 1600 करोड़ रू. सरकार के पास बकाया है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना की चौथी किस्त के लिये पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा बजट का प्रावधान करके रखा था, साय सरकार ने किसानों को भुगतान नहीं किया है। यह भारतीय जनता पार्टी की किसान विरोधी सोच का नतीजा है किसानों ने अपना धान 2680 रू. में सरकार के पास बेचा था, यह छत्तीसगढ़ सरकार और किसानों के बीच का अनुबंध था। सरकार चलाने वाला दल भले ही बदल गया हो, किसानों से सरकार द्वारा किया गया अनुबंध (वादा) तो यथावत है। किसान न्याय योजना का पैसा किसानों का हक है उन्हें मिलना ही चाहिये। साय सरकार किसानों को उनके धान का पैसा तत्काल दीपावली के पहले भुगतान करें।


Related Post

Archives

Advertisement











Trending News

Archives