रायपुर : प्रदेश की नई औद्योगिक नीति 1 नवंबर 2024 से लागू हो गई है, जो
31 मार्च 2030 तक प्रभावशील रहेगी।
राज्य के औद्योगिक विकास को गति प्रदान करने के लिए राज्य में औद्योगिक नीतियों की
परिकल्पना राज्य गठन के उपरान्त लगातार की जा रही है। छत्तीसगढ़ में अब तक पांच
औद्योगिक नीतियां क्रमशः - 2001, 2004-09, 2009-14, 2019-24 प्रवाशील
रही एवं अब नई औद्योगिक नीति 2024 लागू की गई है। उपरोक्त
औद्योगिक नीति को लागू किये जाने के साथ ही इन नीतियों में तत्कालीन आवश्यकताओं को
तथा औद्योगिक विकास के निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए नीतियों में यथा
आवश्यकता विभिन्न प्रकार के औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन यथा- ब्याज अनुदान, राज्य लागत पूंजी अनुदान, (अधोसंरचना लागत पूंजी
अनुदान), स्टाम्प शुल्क छूट, विद्युत
शुल्क छूट, प्रवेश कर छूट, मूल्य
संवर्धित कर प्रतिपूर्ति, मंडी शुल्क छूट, परियोजना लागत पूंजी अनुदान इत्यादि प्रदान की जाती रही है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का कहना है कि हमने
इस नई नीति को रोजगार परक और विजन-2047 के अनुरूप
विकसित भारत के निर्माण की परिकल्पना को ध्यान में रखते हुए विकसित छत्तीसगढ़ राज्य
के निर्माण का लक्ष्य तय किया है। हमारा राज्य देश के मध्य मेें स्थित है, आने वाले वर्षो में हम अपनी भौगोलिक स्थिति आवागमन के आधुनिक साधनों और आप
सबकी भागीदारी से प्रदेश को ‘‘हेल्थ हब‘‘ बनाने मे सफल होंगे। जगदलपुर के नजदीक हम लगभग 118 एकड़
भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण प्रारभ करने जा रहे है।
प्रदेश के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री लखन लाल
देवांगन का कहना है कि निश्चित तौर पर हमारी सरकार की मंशा है कि प्रदेश में
ज्यादा से ज्यादा उद्योग कैसे स्थापित हो इसे ध्यान में रखकर यह उद्योग नीति तैयार
की गई है। हमने पहली बार इस नीति के माध्यम से राज्य में पर्यटन एवं स्वास्थ्य
जैसी सुविधाओं में निवेश को भी प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है। हाल ही में आयोजित
केबिनेट बैठक में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है।
इसमें छत्तीसगढ़ सरकार ने भारत सरकार के विजन 2047 की परिकल्पना को साकार करने तथा राज्य के औद्योगिक विकास को गति देने के
उद्देश्य से कई प्रावधान किए हैं। राज्य के प्रशिक्षित व्यक्तियों को औपचारिक रोजगार
में परिवर्तित करने के लिए उद्योगों हेतु प्रति व्यक्ति 15 हजार
रूपए की प्रशिक्षण वृत्ति प्रतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है। यह नीति 31
मार्च 2030 तक के लिए होगी। नई औद्योगिक नीति
में निवेश प्रोत्साहन में ब्याज अनुदान, लागत पूंजी अनुदान,
स्टाम्प शुल्क छूट, विद्युत शुल्क छूट. मूल्य
संवर्धित कर प्रतिपूर्ति का प्रावधान है। नई नीति में मंडी शुल्क छूट, दिव्यांग (निःशक्त) रोजगार अनुदान, पर्यावरणीय
प्रोजेक्ट अनुदान, परिवहन अनुदान, नेट
राज्य वस्तु एवं सेवा कर की प्रतिपूर्ति के भी प्रावधान किये गये हैं।
इस नीति में राज्य के युवाओं के लिये रोजगार सृजन को
लक्ष्य में रखकर एक हजार से अधिक स्थानीय रोजगार सृजन के आधार पर बी-स्पोक पैकेज
विशिष्ट क्षेत्र के उद्योगों के लिये प्रावधानित है। राज्य के निवासियों विशेषकर
अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला
उद्यमियों, सेवानिवृत्त अग्निवीर सैनिक, भूतपूर्व सैनिकों, जिनमें पैरामिलिट्री भी शामिल है,
को नई औद्योगिक नीति के तहत अधिक प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान
है। नक्सल प्रभावित लोगों, कमजोर वर्ग, तृतीय लिंग के उद्यमियों के लिए नई औद्योगिक पॉलिसी के तहत विशेष
प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान किया गया है। नई औद्योगिक नीति में पहली बार सेवा
क्षेत्र अंतर्गत एमएसएमई सेवा उद्यम एवं वृहद सेवा उद्यमों के लिये पृथक-पृथक
प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है।
छत्तीसगढ़ संभवतः देश में पहला राज्य है, जिसने युवा अग्निवीरों एवं नक्सल पीड़ित परिवारों को स्वयं के रोजगार धन्धे
स्थापित करने पर विशेष अनुदान एवं छूट का प्रावधान किया है। अनुसूचित जाति,
अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं को स्वयं का रोजगार उपलब्ध कराने
हेतु भी कटिबद्ध हैं। इसके लिए हम इन वर्गों के उद्यमियों को मात्र 1 रूपये प्रति एकड़ की दर पर औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि दे रहे है। सरकार
का प्रयास होगा कि उद्योग स्थापना एवं संचालन में
सरकारी हस्तक्षेप न्यूनतम हो एवं यथासंभव सेल्फ सर्टिफिकेशन अथवा ऑनलाइन माध्यम से
हो ताकि आपके उद्योग हेतु आपको सरकार के पास आने की आवश्यकता ना हो।
औद्योगिक विकास नीति 2024-30 के विशेष
प्रावधान
यह नीति उद्योगों को निवेश करने, नये रोजगार सृजन करने और आर्थिक विकास को गति देने के लिये एक मजबूत आधार
प्रदान करेगी। इस नीति के माध्यम से राज्य के युवाओं के लिए कौशलयुक्त रोजगारों का
सृजन करते हुये अगले 5 वर्षों में 5 लाख
नए औपचारिक क्षेत्रों में रोजगार का लक्ष्य रखा गया है। इस नीति मैं स्थानीय
श्रमिकों को औपचारिक रोजगार में परिवर्तित करने के लिए प्रशिक्षण कर प्रोत्साहन का
प्रावधान करते हुये 1000 से अधिक रोजगार प्रदाय करने वाली
इकाईयों को प्रोत्साहन के अतिरिक्त विशेष प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है।
नई औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान में सहभागिता के लिए अनुसूचित जाति/जनजाति,
महिला उद्यमियों, सेवानिवृत्त अग्निवीर,
भूतपूर्व सैनिकों (जिनमें पैरा मिलेट्री फोर्स भी सम्मिलित है),
नक्सल प्रभावित, आत्म-समर्पित नक्सलियों एवं
तृतीय लिंग के उद्यमों का अतिरिक्त प्रोत्साहन दिये जाने का प्रावधान किया गया है।
औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की परिभाषा को भारत सरकार द्वारा परिभाषित
एम.एस.एम.ई. के अनुरुप किया गया है। इसी के अनुसार ही इन उद्यमों को प्राप्त होने
वाले प्रोत्साहनों को अन्य राज्यों की तुलना में प्रतिस्पर्धी बनाया गया है।
राज्य सरकार द्वारा देश में सेवा गतिविधियों के बढ़ते
हुये। रुझान को दृष्टिगत रखते हुये इस नीति में पहली बार सेवा क्षेत्र अंतर्गत
एमएसएमई सेवा उद्यम एवं वृहद सेवा उद्यमों के लिये पृथक-पृथक प्रोत्साहन का
प्रावधान किया गया है। सेवा क्षेत्र अंतर्गत इंजीनियरिंग सर्विसेस, रिसर्च एंड डेव्हलपमेंट, स्वास्थ्य सेक्टर, पर्यटन एवं मनोरंजन सेक्टर आदि से संबंधित गतिविधियों को सम्मिलित किया
गया है। औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में विशिष्ट श्रेणी के
उद्योगों जैसे फार्मास्यूटिकल, टेक्सटाईल, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण तथा गैर काष्ठ वनोंपज प्रसंस्करण, कम्प्रेस्ड बॉयो गैस, इलेक्ट्रिकल एवं
इलेक्ट्रॉनिक्स, आर्टिफिशियल इंटीलिजेंस (ए.आई), रोबोटिक्स एण्ड कम्प्यूटिंग (जी.पी.यू), आई.टी.,
आई.टी.ई.एस./डेटा सेंटर जैसे नवीन सेक्टरों के लिए विशेष पैकेज का
प्रावधान है।
4 दिसम्बर 2024 को
नवा रायपुर में स्टेक होल्डर कनेक्ट वर्कशॉप के दौरान राज्य के 27 बड़े औद्योगिक समूहों को नवीन पूंजी निवेश के प्रस्ताव के संबंध में 32
हजार 225 करोड़ रुपए के निवेश के लिए इंटेंट टू
इन्वेस्ट लेटर प्रदान किए। इनमें राज्य के कोर सेक्टर के साथ ही नये निवेश
क्षेत्रों जैसे आईटी, एआई, डाटा सेंटर,
एथेनॉल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल, कम्प्रेस्ड बायो गैस जैसे क्षेत्रों
में निवेश किया जाएगा। इनमें शिवालिक इंजीनियरिंग, मां
दुर्गा आयरन एण्ड स्टील, एबीआरईएल ग्रीन एनर्जी, आरएजी फेरो एलायज, रिलायंस बायो एनर्जी, यश फैंस एण्ड एप्लायंसेस, शांति ग्रीन्स बायोफ्यूल,
रेक बैंक डाटा सेंटर आदि सम्मिलित हैं।
इसके साथ ही थ्रस्ट सेक्टर के ऐसे उद्योग जहां राज्य
का प्रतिस्पर्धात्मक लाभ है और जहां भविष्य के रोजगार आ रहे हैं, उन क्षेत्रों के लिये अतिरिक्त प्रोत्साहन का प्रावधान है। नीति में
प्रोत्साहनों की दृष्टि से राज्य के विकासखण्डों को 03 समूहों
में रखा गया है। समूह-1 में 10. समूह 2
में 61 एवं समूह 3 में 75
विकासखण्डों को वर्गीकृत किया गया है।