रायपुर। प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष शालिनी राजपूत ने प्रदेश में शराबबंदी के लिए बनाई गई तथाकथित कमेटी के अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक सत्यनारायण शर्मा द्वारा शराब बंदी को जनता का मुद्दा नहीं मानने को प्रदेश की महिलाओं का अपमान बताते हुए कहा है कि भूपेश बघेल सरकार की कमेटी के मुखिया ने मुनादी पीट दी है कि कांग्रेस सरकार अपने एक और बड़े वादे से मुकर चुकी है। शराबबंदी लागू करने नहीं, बल्कि शराब को जरूरत ठहराने के लिए बनाई गई कमेटी के अध्यक्ष कह रहे हैं कि आम जनता को शराब बन्दी से मतलब नहीं है। तब सवाल यह है कि क्या सत्ता में आने के बाद कांग्रेस को यह ज्ञान प्राप्त हुआ है कि शराब आवश्यक वस्तु है! सत्य नारायण के श्रीमुख से भूपेश बघेल सरकार का सत्य सामने आ गया है कि जैसे बेरोजगारी भत्ता के वादे पर युवाओं से विश्वासघात किया गया है वैसे ही शराबबंदी के वादे पर महिलाओं के साथ विश्वासघात किया गया है। चार साल बीत रहे हैं। शराब बंदी तो दूर, कमेटी के अध्यक्ष स्पष्ट कर रहे हैं कि कांग्रेस की नजर में अब शराबबंदी कोई मुद्दा नहीं है। महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष शालिनी राजपूत ने कहा कि जब यह कोई मुद्दा नहीं है तो कांग्रेस ने इसे जन घोषणापत्र में शामिल क्यों किया? जनघोषणापत्र को बनाने वाले टीएस सिंहदेव, इसे मंजूरी देने वाले राहुल गांधी और इसे स्वीकार करने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की महिलाओं के साथ धोखेबाजी की है। इन्हें महिलाओं से माफी मांगते हुए कह देना चाहिए कि गलती से शराबबंदी का वादा कर दिया था, हमारी सरकार शराब के बिना जीवित नहीं रह सकती। महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष शालिनी राजपूत ने कहा कि सत्यनारायण शर्मा के लिए जब शराबबंदी जनता का मुद्दा नहीं है तो वे इस फालतू मुद्दे की कमेटी के अध्यक्ष क्यों बने हुए हैं। जैसे जैसे अंत निकट आता जा रहा है, वैसे वैसे छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार पर नशा हावी होते जा रहा है। विगत दिनों शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने स्कूली बच्चों को शराब पर शिक्षा देते हुए मदिरापान के गुर सिखाए थे। संस्कृति मंत्रीअमरजीत भगत ने भी कांग्रेस की संस्कृति की झलक दिखाई तो महिला बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया भी लिमिट में शराब पीने की सलाह देती हैं। जब इस सरकार में हर कोई शराब के समर्थन में है तो साफ है कि शराबबंदी लागू नहीं होगी। भूपेश बघेल कमेटी की नौटंकी छोड़कर फौरन ऐलान करने की हिम्मत दिखाएं कि छत्तीसगढ़ में शराब की नदियां बहती रहेंगी।