रायपुर : प्रदेश में विष्णु देव साय सरकार 70 लाख महिलाओं के खाते में हर महीने एक हजार रुपए अंतरित कर रही है। इस
योजना से न केवल महिलाओं को खर्च करने के लिए अपनी स्वयं की राशि मिली है अपितु
परिवार भी आर्थिक दृष्टिकोण से मजबूत हुए हैं। पूरे प्रदेश में महतारी वंदन योजना
आने के बाद महिलाओं द्वारा इस राशि के उपयोग पर नजर डालें तो पाएंगे कि महिलाएं
हमेशा की तरह इसमें से कुछ हिस्सा भविष्य की जरूरतों के लिए सुरक्षित रख रही हैं।
डाकघरों
में महिलाओं ने बड़े पैमाने पर आरडी शुरू किये हैं और प्रदेश के हर डाकघर में
महिलाओं की लंबी लाइनें नजर आती हैं। महिलाएं न केवल भविष्य की जरूरतों के अनुरूप
इसे बचा रही हैं अपितु परोक्ष रूप से राष्ट्र के सकल घरेलू बचत में भी अपना योगदान
दे रही हैं। सकल घरेलू बचत का प्रतिशत जितना मजबूत होगा, अर्थव्यवस्था के बेहतर प्रवाह के
दृष्टिकोण से भी यह अच्छा होगा। रायपुर, दुर्ग-भिलाई और
बिलासपुर जैसे बड़े शहरों में म्यूच्युअल फंड के माध्यम से एसआईपी का ट्रेंड भी है।
महिलाएं शेयर बाजार का लाभ उठाना चाहती हैं और इसके लिए म्यूच्युअल फंड के माध्यम
से इसमें प्रवेश कर रही हैं। अभी तक का ट्रेंड रहा है कि दीर्घावधि के लिए एसआईपी
रिटर्न के मामले में काफी उपयोगी रहा है।
दूसरा
ट्रेंड शिक्षा में निवेश को लेकर है, जिन महिलाओं के बच्चे प्री ग्रेज्युएट एवं ग्रेज्युएट स्तर
पर दी जाने वाली परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए वे महतारी वंदन योजना के
माध्यम से अर्जित की गई राशि का निवेश कर रही हैं। इसके माध्यम से वे कोचिंग आदि
का मासिक खर्च उठा रही हैं और किताबों आदि की व्यवस्था अपने बच्चों के लिए कर रही
हैं।
महतारी
वंदन योजना की राशि को खर्च करने का एक तीसरा तरीका भी महिलाओं ने निकाला है। वे
उद्यमशीलता के रास्ते पर बढ़ी हैं। उद्यमशीलता के लिए जरूरी सिलाई मशीन जैसे उपकरण
ईएमआई में खरीद रही हैं और हर महीने राशि का भुगतान महतारी वंदन योजना से प्राप्त
राशि से कर रही हैं। महिलाएं बताती हैं कि बीते एक दशक में प्रधानमंत्री मोदी जी
की कार्यशैली को देखा है। वे जो कहते हैं उसे पूरा करते हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ की
महिलाओं से वायदा किया था कि महतारी वंदन योजना के अंतर्गत एक हजार रुपए की राशि
हर महीने महिलाओं के खाते में अंतरित कराएंगे। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की
सरकार ने छत्तीसगढ़ की कमान सम्हालते ही बहुत जल्दी यह योजना लागू कर दी और महिलाओं
ने कहा कि हमारे खाते में हर महीने यह राशि आ रही है।
साय
सरकार हर महीने प्रदेश की माताओं-बहनों के खाते में एक हजार रुपए के रूप में
खुशियां भेज रही हैं और महिलाएं इनसे खुशियां खरीद रही हैं। छत्तीसगढ़ की मातृशक्ति
को मजबूत करने, उनके जीवन में उत्साह भरने में यह योजना बहुत अहम साबित हो रही है।