भोपाल : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री
डॉ. मोहन यादव ने पद्मश्री से सम्मानित गोंड कलाकार दुर्गाबाई व्याम को भारतीय
जनता पार्टी की सदस्यता दिलाई. सीएम उनसे मिलने के लिए राजधानी भोपाल के कोटरा
सुल्तानाबाद स्थित निवास पर पहुंचे. सीएम यादव ने इस अवसर पर कहा,
“बीजेपी का सदस्यता अभियान पूरे देश और प्रदेश में चल रहा है. कल
हमारे पास पद्मश्री दुर्गाबाई का संदेश आया कि वह हमसे मिलना चाहती हैं. कल ही
हमने रानी दुर्गावती की राजधानी संग्रामपुर में एक भव्य कार्यक्रम किया था,
और दुर्गाबाई हमारी सरकार द्वारा रानी दुर्गावती के लिए किए जा रहे
कार्यों से बहुत प्रसन्न हैं. आज हमने उन्हें भाजपा परिवार का हिस्सा बनाया,
और यह हमारे लिए गर्व की बात है.”
दुर्गाबाई का कहना –
मुख्यमंत्री जी घर आए, तो मुझे बहुत अच्छा लगा
भाजपा में शामिल होने के बाद
दुर्गाबाई ने कहा, “मुख्यमंत्री जी घर आए,
तो मुझे बहुत अच्छा लगा. वह अच्छा काम कर रहे हैं और हमें गर्व है
कि वह हमारे घर आए.” वहीं, दुर्गाबाई
के पति ने सदस्यता के बारे में कहा, “सदस्यता का मतलब क्या
होता है, यह मुझे नहीं पता, लेकिन
मुख्यमंत्री जी आए, हमसे मिले और हमारे काम की सराहना की.
उन्होंने हमें बधाई दी और यह हमारे लिए बहुत बड़ी बात है.”
मिट्टी की दीवारों से कला की
ऊंचाइयों तक का सफर
दरअसल, जब
आप दुर्गाबाई व्याम के भोपाल स्थित घर में जाते हैं. तो यह किसी कलाकार के
स्टूडियो की तरह प्रतीत होता है. कैनवास पेंटिंग से सजा उनका यह घर मिट्टी की
दीवारों पर बनी जटिल कलाकृतियों से सजीव हो उठता है, जिसमें
प्रकृति और रंगों का अनूठा संगम देखने को मिलता है.
दादी से सीखी यह कला
डिंडोरी में जन्मी दुर्गाबाई व्याम
ने औपचारिक शिक्षा नहीं प्राप्त की, लेकिन
कला के प्रति उनका प्रेम बचपन से ही गहरा था. वह अपने गांव की दीवारों पर जटिल
चित्र उकेरने वाली अपनी दादी को बड़े ध्यान से देखती थीं, और
धीरे-धीरे उन्होंने यह कला आत्मसात कर ली. दुर्गाबाई का कहना हैं, “मैं बचपन में दीवारों पर सफेद और लाल मिट्टी से चित्र बनाती थी. त्योहारों
और शादियों के मौके मेरे लिए खास होते थे क्योंकि मुझे दीवारों पर ‘डिग्ना’ (गोंड समुदाय की पारंपरिक कला) बनाने का
अवसर मिलता था.”
पद्मश्री और अंतरराष्ट्रीय पहचान
दुर्गाबाई की कला ने उन्हें कई
पुरस्कार दिलाए, जिनमें 2022 में मिला पद्मश्री सबसे प्रतिष्ठित है. उनकी पेंटिंग्स मुंबई
अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय बेंगलुरु
और भोपाल के इंदिरा गांधी संग्रहालय जैसी जगहों पर प्रदर्शित हो चुकी हैं. इसके
अलावा, दुर्गाबाई ने कोच्चि-मुज़िरिस बिएनले में भी अपनी कला
का प्रदर्शन किया है, जो समकालीन कला की एक प्रमुख
अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी है.