भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के माध्यम से प्रत्येक परिवार में
कम से कम एक व्यक्ति को रोजगार अथवा स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जा सकते हैं।
प्रत्येक जिले की परिस्थिति और उपलब्ध दक्षता के अनुसार गतिविधियों का विस्तार
किया जाये। तेल घानी, मसाला-आटा चक्की, कोदो-कुटकी व अन्य मिलेट की प्र-संस्करण इकाई जैसे सूक्ष्म उद्योगों से
युवाओं को जोड़ते हुए सम्पूर्ण प्रदेश में समान रूप से उद्यमिता का विस्तार किया
जाये। इसमें खाद्य प्र-संस्करण इकाइयों की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। कृषि उपज
मंडियों को भी आधुनिक स्वरूप प्रदान किया जा रहा है। इसमें दूध, सब्जी आदि को सुरक्षित रखने की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी, इसकी शुरूआत रतलाम से होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह निर्देश सूक्ष्म,
लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग की समीक्षा बैठक में दिए। समत्व भवन
(मुख्यमंत्री निवास) में हुई बैठक में विभागी मंत्री श्री चैतन्य कुमार काश्यप,
प्रमुख सचिव श्री राघवेन्द्र सिंह, प्रमुख
सचिव वित्त श्री मनीष रस्तोगी तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि
विकसित भारत-विकसित मध्यप्रदेश की संकल्पना को साकार करने में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों की भूमिका महत्वपूर्ण है। विशेष रूप
से सूक्ष्म स्तर पर उद्यमिता को प्रोत्साहित करना आवश्यक है। इस क्षेत्र में
मध्यप्रदेश वर्तमान में देश में 7वें स्थान पर है, अगले वर्ष तक हमें प्रदेश को देश के श्रेष्ठतम राज्यों में स्थान दिलाना
है। एमएसएमई के लिए उचित वित्त-व्यवस्था और अधोसंरचना, स्वरोजगार
योजनाओं और स्टार्ट-अप ईको सिस्टम को सशक्त करते हुए बेहतर विपणन, निर्यात व ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के माध्यम से इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए
समय-सीमा निर्धारित कर गतिविधियां संचालित की जाए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि
वर्ष-2025 को उद्योग और रोजगार वर्ष के
रूप में मनाया जा रहा है। दो माह के अंतराल में राज्य के अलग-अलग अंचलों में
उद्योग-रोजगार दिवस का आयोजन किया जाए। पॉवरलूम सहित अन्य परम्परागत उत्पादन गतिविधियों
को निरंतरता प्रदान करना आवश्यक है। इसी लिये विशेषज्ञों का सहयोग लेकर कौशल
उन्नयन तथा तकनीकी दक्षता में सुधार के लिए क्षेत्रीय स्तर पर कैम्प आयोजित किये
जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नए उद्यमियों को प्रोत्साहित करना जरूरी है।
अपनी पहल और नवाचार से सफलतापूर्वक गतिविधियां संचालित करने वाले उद्यमियों को
उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया जाए। इससे अन्य लोग भी प्रेरित होंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नई
दिल्ली में हुए भारत अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम
को स्वर्ण पदक से पुरस्कृत होने पर बधाई दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि
उज्जैन में हुए विक्रमोत्सव से क्षेत्रीय स्तर पर व्यापार-व्यवसाय को प्रोत्साहन
मिला है। प्रदेश के जिन क्षेत्रों में व्यापार मेले लगाए जा सकते हैं, उसका अध्ययन कर ट्रेड फेयर के लिए समेकित योजना बनाकर गतिविधियां
संचालित की जाएं।
बैठक में जानकारी दी गई कि 55 हजार करोड़ रूपए के निवेश से प्रदेश में 17 लाख 55 हजार पंजीकृत एमएसएमई इकाईयां संचालित हैं।
इससे 92 लाख से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है।
प्रदेश में 5 हजार 300 स्टार्ट-अप
संचालित हैं, जिसमें से 2500 से अधिक
महिलाओं द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। अनुपूरक बजट के माध्यम से प्राप्त 1475
करोड़ रूपए की राशि से एमएसएमई इकाईयों के मार्च 2025 तक के लंबित अनुदानों का निराकरण किया जा चुका है। ग्वालियर व्यापार मेला-2025
में 3 हजार 327 करोड़
रूपए का व्यापार हुआ। निवेशकों को लैण्ड बैंक से अवगत कराने के लिए विभागीय
वेबसाइट के माध्यम से जानकारी दी जा रही है, लगभग 1100
से अधिक प्लॉट एक मई से आवंटन के लिए उपलब्ध होंगे। निवेशकों को
शासन की नीतियों से अवगत करवाने के लिए जिलेवार कार्यशालाएं भी आयोजित की जा रही
हैं। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना और प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में
विभाग की उपलब्धि लक्ष्य से अधिक रही है। एमएसएमई डे के अवसर पर 27 जून को इंदौर में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम पर
केन्द्रित भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसी प्रकार सितम्बर माह में भोपाल
में स्टार्ट-अप पर केन्द्रित कार्यक्रम आयोजित करने की भी योजना है।