नई दिल्ली
: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव
को शनिवार को एक नया समन भेजा है। उन्हें रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाले में
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया है।तेजस्वी यादव को पांच जनवरी को एजेंसी के सामने पेश होने को कहा गया है। वहीं, दूसरी ओर दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी
विदेश यात्रा करने की मांग वाली याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली है।
तेजस्वी यादव ने अदालत से अगले साल छह से 18 जनवरी तक ऑस्ट्रेलिया
और न्यूजीलैंड की यात्रा करने की अनुमति मांगी है। बता
दें, इससे पहले ईडी ने तेजस्वी यादव को 22 दिसंबर और उनके पिता आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को 27 दिसंबर को एजेंसी के सामने पेश होने का आदेश
दिया था। हालांकि, 22 दिसंबर के समन को तेजस्वी ने नजरअंदाज
कर दिया और एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए।
अक्तूबर में मिली थी
जमानत
गौरतलब है, अक्तूबर में बिहार के पूर्व
मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू यादव, बिहार की पूर्व सीएम
राबड़ी देवी, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और राजद
सांसद मीसा भारती को राहत मिली है। दिल्ली की राऊज
एवेन्यू कोर्ट ने कथित जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले
में चारों को जमानत दे दी थी।
नौकरी के बदले जमीन घोटाला क्या है?
. रेल भर्ती से जुड़े एक और घोटाले का
आरोप यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहे पवन बंसल के भांजे विजय सिंगला पर भी लगा है।
. मामले में भी सीबीआई ने विजय सिंगला समेत 10 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में विजय सिंगला पर मनी लॉन्ड्रिंग
का भी आरोप है।
. 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद यादव यूपीए
सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि लालू के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे भर्ती में
घोटाला हुआ। कहा जा रहा है कि नौकरी लगवाने के बदले आवेदकों से जमीन और प्लॉट लिए
गए।
. सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद
लालू प्रसाद यादव और उनकी बेटी मीसा भारती के खिलाफ मामला दर्ज किया। आरोप है कि
जो जमीनें ली गईं वो राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम पर भी ली गईं।
क्या ये मामला 2017
के IRCTC घोटाले से अलग है?
IRCTC का मामला रेलवे भर्ती घोटाले से
अलग है। IRCTC घोटाले का आरोप भी 2004 में
लालू के रेल मंत्री रहते होने की बात है। दरअसल, रेलवे बोर्ड
ने उस वक्त रेलवे की कैटरिंग और रेलवे होटलों की सेवा को पूरी तरह IRCTC को सौंप दिया था। इस दौरान रांची और पुरी के बीएनआर होटल के रखरखाव,
संचालन और विकास को लेकर जारी टेंडर में अनियमिताएं किए जाने की
बातें आई थीं।
ये टेंडर 2006 में एक प्राइवेट होटल सुजाता
होटल को मिला था। आरोप है कि सुजाता होटल्स के मालिकों इसके बदले लालू यादव परिवार
को पटना में तीन एकड़ जमीन दी, जो बेनामी संपत्ति थी। इस
मामले में भी लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत
कई लोग आरोपी हैं।