भोपाल : मुख्यमंत्री
डॉ. मोहन यादव 10 अगस्त को
प्रदेश की सभी लाड़ली बहनों को रक्षाबंधन के पूर्व 250 रूपये
की शगुन राशि उनके खातों में अंतरित करेंगे। साथ ही लाड़ली बहना योजना में सभी
बहनों को 1250 की राशि अंतरित करेंगे। उप मुख्यमंत्री श्री
देवड़ा ने कहा कि मंदसौर जिले की 2 लाख 67 हजार बहनों के खातों में 6 करोड़ रूपये से अधिक की
राशि रक्षाबंधन के उपहार के रूप में अंतरित होगी। उप मुख्यमंत्री मंदसौर में
कुशाभाऊ ठाकरे ऑडिटोरियम मे आभार सह उपहार कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा ने ने
कहा कि प्रदेश सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही
है। लाड़ली बहन, लाड़ली लक्ष्मी
जैसी योजना से प्रदेश की महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही है। प्रधानमंत्री एवं
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण का कार्य किया जा रहा है। यह देश का
सबसे बड़ा उदाहरण है। आज हर क्षेत्र में महिलाएं काम कर रही हैं, ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां पर महिलाओं ने बेहतर प्रदर्शन नहीं किया हो।
ओलंपिक जैसे खेलों में भी महिलाएं आगे बढ़-चढ़कर भाग ही नहीं ले रही है, बल्कि पदक जीतकर देश का नाम रौशन कर रही है। सरकार ने महिलाओं के शिक्षा
के लिए विशेष प्रबंध किए है। उन्होंने कहा कि जब देश में हर व्यक्ति सशक्त एवं
आत्मनिर्भर होगा तभी वर्ष 2047 में विकसित भारत बनेगा।
उप मुख्यमंत्री ने "एक पेड़
मां के नाम" अभियान में कुशाभाऊ ठाकरे ऑडिटोरियम परिसर में पौधों का रोपण
किया। उन्होंने कहा कि अपनी मां के नाम एक पेड़ अवश्य लगाए। पर्यावरण के लिए वन
सबसे महत्वपूर्ण है। आज के समय जो प्राकृतिक आपदाएं बढ़ रही हैं, उसको वन के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है। स्वयं
पेड़ लगाएं तथा अपने पड़ोसियों को भी पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करें।
लाड़ली बहनों ने उप मुख्यमंत्री को राखी बांधकर आशीर्वाद दिया
उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश
देवड़ा को लाडली बहनों ने राखी बांधकर आशीर्वाद दिया। कुशाभाऊ ठाकरे ऑडिटोरियम
परिसर में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा लगाई गई। खाद्य सामग्री के स्टॉल
का उप मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया।
बेहतरीन कार्य करने वाली महिलाओं को किया सम्मानित
उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा ने
बेहतर एवं उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया। उन्होंने उन 13 खिलाड़ियों को भी सम्मानित किया, जिन्होंने
अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक लाकर प्रदेश का नाम रोशन किया।
आठ महिला कर्मचारियों को सम्मानित किया एवं तीन महिला जिन्होंने दिव्यांगों के हित
में सराहनीय कार्य किया, उनको भी सम्मानित किया।