खैरागढ़ : टूटे हुए सपने की सुने कौन
सिसकी, अंतर को चीर व्यथा पलकों पर ठिठकी,
हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा, काल के कपाल पर, लिखता-मिटाता हूं, गीत नया गाता हूं…..पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी
वाजपेयी के इस कविता ने आज खैरागढ़ जिले के एक युवा की जिंदगी ही बदल दी. हम बात कर
रहे हैं प्रशांत वर्मा की जिन्होंने सीजीपीएससी की परीक्षा में 42वां रैंक लाकर सबको चौंका दिया.
खैरागढ़ जिले के ग्राम गातापार कला
निवासी रमेश वर्मा के पुत्र प्रशांत वर्मा जिले में एकलौते सीजीपीएससी की परीक्षा
में चयन होने वाले युवा हैं. वर्तमान में प्रशांत वर्मा खैरागढ़ जिले के गंडई में
विधुत विभाग में डाटा एंट्री ऑपरेटर का कार्य करते हैं.
प्रशांत वर्मा ने अपनी प्रारंभिक
शिक्षा ठेलकाडीह में गणित विषय लेकर उत्तीर्ण की. शुरू से ही मेधावी रहे प्रशांत
वर्मा ने अपनी कॉलेज की पढ़ाई बिलासपुर गुरुघासी दास विश्वविद्यालय से बी. एस. सी.
कम्प्यूटर साइंस लेकर पढ़ाई की. 28 साल की
उम्र में ये उनका तीसरा प्रयास था जिसमें उन्होंने प्रि और मेंस क्लियर करके
इंटरव्यूव तक पहुंचे थे. इन्होंने देश के पूर्व प्रधानमंत्री मंत्री अटल बिहारी
वाजपई की कविता का जिक्र करते हुए सतत प्रयास करते रहने की जिले के युवाओं को
मैसेज दी.
इस सफलता का श्रेय उन्होंने अपने परिवार जनों एवं विधुत विभाग के वरिष्ठ अधिकारीयों को देते हुए सबका आभार व्यक्त किया और आगे भी सफलता के लिये सतत प्रयास करने की बात कही. प्रशांत वर्मा की अधिकारी बनने की खबर से जिले हर्ष व्याप्त है.