रायपुर : प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा
कि क्रूड ऑयल के दाम कम हो गये मोदी सरकार पेट्रोल, डीजल के दाम नहीं घटा रही है।
पेट्रोल डीजल की महंगाई के लिए केंद्र की मोदी सरकार और पेट्रोलियम कंपनियों के
मुनाफाखोरी गठबंधन को जिम्मेदार है। मोदी की गारंटी पेट्रोलियम कंपनियों की मुनाफा
बढ़ाने की है और आम जनता पर महंगाई का बोझ बढ़ाना है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड
ऑयल की कीमतों में 31 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है जो क्रूड
ऑयल के दाम 116 डॉलर प्रति बैरल था आज 70 डॉलर है इसमें प्रति बैरल लगभग 46 डॉलर की कमी हुई,
लेकिन देश के भीतर किसान मजदूर युवा व्यापारी उद्योगपतियों को आज भी
महंगे दरों पर पेट्रोल और डीजल खरीदना पड़ रहा है। मोदी सरकार और पेट्रोलियम
कंपनियां मिलकर आम जनता की जेब से पेट्रोल डीजल के माध्यम से प्रति लीटर 30
रू. से अधिक की कमाई कर रही है। बीते 10 वर्षों
में मोदी सरकार ने पेट्रोल डीजल से लगभग 32 लाख करोड़ रुपए की
कमाई की है और पेट्रोलियम कंपनियों को मुनाफाखोरी में छूट देने से बीते 6 महीने में पेट्रोलियम कंपनियों ने लगभग 47000 करोड़
रुपए की कमाई की है और गरीब जनता महंगाई की मार के बोझ तले दबते जा रही है।
प्रदेश
कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी सरकार की
नीतियों में जनता को महंगाई से राहत देना नहीं है बल्कि मुनाफाखोरी करना है। मोदी
सरकार जनता से हमेशा वसूली के लिए तैयार रहती है चाहे वह जीएसटी के माध्यम से हो
या पेट्रोल डीजल रसोई गैस ट्रेन के टिकटों के दामों में बढ़ोतरी कर जनता का जेब
ढीला करना हो तनिक भी पीछे नहीं हटती है। आज देश के सामने मोदी सरकार की
मुनाफाखोरी उजागर हो गई है जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में
गिरावट आई है तो पेट्रोल डीजल के दामों में उसी के मुकाबले कमी होनी चाहिए जिससे
पेट्रोल डीजल का उपयोग होने वाले उद्योगों में लागत मूल्य कम आता, कृषि लागत कम होती ट्रांसपोर्टिंग
चार्ज में कमी होती तो निश्चित तौर पर आवश्यक वस्तुओं के दामों में जो बढ़ोतरी हुई
है उसमें भी कमी आती। लेकिन जिस प्रकार से मोदी सरकार कच्चे तेल के दाम में कमी का
लाभ जनता को देना नहीं चाहती है इससे स्पष्ट है कि मोदी सरकार चंद पूंजीपतियों के
हाथों की कठपुतली है और उन्हीं के अच्छे दिन लाने और उन्हीं के खजाने को भरने के
लिए काम कर रही है।