भोपाल : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने
मुंबई में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश औद्योगिक रूप से सक्षम बनाने
के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के
नेतृत्व में राज्य की औद्योगिक क्षमता को बढ़ाने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने यह
भी बताया कि राज्य में विभिन्न घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित करने
के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ यादव 30 तक विदेश दौरे पर रहेंगे
डॉ. यादव ने यह स्पष्ट किया कि आगामी फरवरी में भोपाल
में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट राज्य के लिए एक अहम अवसर है, जिसमें विदेशी निवेशकों को भी शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह 24 नवंबर से 30 नवंबर तक जर्मनी और यूके के दौरे पर
रहेंगे, जहां वे निवेशकों से मुलाकात करेंगे और मध्य प्रदेश
में निवेश के अवसरों पर चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने पूरे देश के
विभिन्न शहरों जैसे कोलकाता, मुंबई, बेंगलुरू
और कोयम्बटूर में रोड शो आयोजित किए हैं, जहां हमने निवेशकों
को मध्य प्रदेश में आने के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि राज्य
में विभिन्न संभागों में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया है, ताकि हर क्षेत्र को औद्योगिक रूप से सक्षम बनाया जा सके।
2025 को उद्योग वर्ष के रूप मनाया
जाएगा
मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि प्रदेश को समृद्ध बनाने
और बेरोजगारी को दूर करने के लिए विभिन्न प्रकार के उद्योग क्षेत्रों, विशेष रूप से आईटी उद्योग, में निवेश आकर्षित किया
जा रहा है। हमारा लक्ष्य है कि मध्य प्रदेश में युवाओं, महिलाओं,
किसानों और तकनीकी रूप से सक्षम व्यक्तियों को रोजगार मिले और उनकी
क्षमता का पूरा सदुपयोग हो। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार 2025 को 'उद्योग वर्ष' के रूप में
मनाने की योजना बना रही है और इसके तहत वैश्विक निवेशकों से बातचीत की जाएगी।
"हम हर जगह जहां भी निवेशक मिलें, वहां जाकर निवेश के
अवसरों को प्रस्तुत करेंगे। सीएम डॉ. यादव ने सभी से आह्वान किया कि वे इस अभियान
में भाग लें और मिलकर मध्य प्रदेश को औद्योगिक रूप से मजबूत बनाने में मदद करें।
भोपाल में पहली जीआईएस फरवरी में
भोपाल में पहली ग्लोबल इवेस्टर्स समिट (जीआईएस) सात
और आठ फरवरी को प्रस्तावित है। प्रदेश में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अब तक
पांच रीजनल इंवेस्टर्स समिट और चार रोड शो के इंटरएक्टिव सेशन आयोजित हो चुके हैं।
इनमें प्रदेश में दो लाख 55 हजार करोड़ के
निवेश के प्रस्ताव आ चुके हैं। इससे प्रदेश में सवा तीन लाख लोगों के रोजगार के
अवसर बनेंगे। इसी क्रम में सात दिसंबर को नर्मदापुरम संभाग में रीजनल इंवेस्टर्स
समिट का आयोजन प्रस्तावित है।
अब तक पांच रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव
उज्जैन- एक और दो मार्च को उज्जैन में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में एक लाख करोड़
के निवेश प्रस्ताव मिले। इससे एक लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना बनी है।
जबलपुर- 20 जुलाई को रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में 13 हजार 375
करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव और 13 हजार से
ज्यादा रोजगार के अवसर की संभावना बनी है।
ग्वालियर- 28 अगस्त को रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में आठ हजार करोड़ रुपये के निवेश के
प्रस्ताव मिले है। इससे 35 हजार लोगों के रोजगार के अवसर की
संभावना बनी है।
सागर- 27 सितंबर को रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में 23 हजार
करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए। साथ ही करीब 25 हजार
रोजगार की संभावना बनी है।
रीवा- 23 अक्टूबर को
वाइब्रेंट विंध्य रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में 30 हजार
करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले है। यहां पर 22 हजार
लोगों के रोजगार के अवसर की संभावना बनी है।
चार रोड शो हुए
सरकार ने मुंबई, कोयंबटूबर,
बैंगलुरु और कोलकाता में रोड शो के माध्यम से उद्योगपतियों और
निवेशकों के साथ बातचीत की। इसमें सरकार को 1 लाख करोड़
रुपये से ज्यादा के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।