भोपाल : राजधानी के वाइल्ड लाइफ
एक्टिविस्ट अजय दुबे ने आरोप लगाया है कि कूनो पार्क में चीतों को 110
बार ट्रेंकुलाइज किया गया है, लेकिन इसकी
अनुमति चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन से नहीं ली गई. उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय
जलवायु, वन और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से शिकायत की
है दुबे ने बताया कि नेशनल टाइगर कंजरवेसन अथॉरिटी को कई प्रमाणित शिकायतें की है,
लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.
चीतों का अनुमति अनिवार्य ट्रेंकुलाइज
करने का कोई रिकॉर्ड भी नहीं रखा गया. उन्होंने चीता पवन मौत को लेकर आरोप लगाया
कि मॉनिटरिंग में लापरवाही की गई. उसे भी अवैध रूप से ट्रेंकुलाइज किया गया था,
जो उसके लिए घातक साबित हुआ. अन्य मृत चीतों में यही कारण जानलेवा
साबित हुआ हो.
प्रबंधन ने एनटीसीए को नहीं भेजी
जांच रिपोर्ट
शिकायत में कहा है कि कूनो नेशनल
पार्क में बड़ी संख्या में चीतों के सैंपल लिए गए, लेकिन
इनकी रिपोर्ट न एनटीसीए को भेजी गई न सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू को सूचित किया. इसमें भी
अधिनियम अनुसार विधिवत अनुमति नहीं ली गई, दुबे के अनुसार
एनटीसीए के प्रोटोकॉल अनुसार विगत समय में मृत चीतों के पोस्टमार्टम की
वीडियोग्राफी नहीं करवाई गई, चीतों के शावकों में टीआईसीकेएस
की सूचना मिली है जो निरंतर मॉनिटरिंग के दावों पर प्रश्न उठाता है.
यह है प्रोटोकॉल
वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972
की धारा 11 में शेड्यूल 1 में चीता को ट्रेंकुलाइज करने के लिए सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू की अनुमति
अनिवार्य है. इसका उल्लंघन कूनो नेशनल पार्क के एफओ और सिंह परियोजना के संचालक
उत्तम शर्मा द्वारा किया गया. चीतों के स्वास्थ्य के साथ जानलेवा व्यवहार किया
जिसकी जांच जरूरी है. हालांकि इस योजना को लेकर केंद्र सरकार लगातार प्रदेश के
अफसरों को तलब करता रहा है. माना जा रहा है कि दुबे की शिकायत पर अफसरों से जवाब
तलब किया जा सकता है. क्योंकि पीएम मोदी ने कूनो में चीतों का प्रवेश कराया था.
उनकी मौत के मामले पर भी कई अफसरों पर गाज गिर चुकी है लेकिन किसी के खिलाफ सख्त
कार्रवाई नहीं हुई है.