रायपुर। केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी के बयान से साफ हो गया कि हसदेव कोल ब्लाक के मामले में भाजपा की केंद्र सरकार और छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं का आचरण विरोधाभाषी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने यह स्वीकार किया है कि ‘‘छत्तीसगढ़ सरकार ने हसदेव में राजस्थान सरकार को आबंटित कोल ब्लाक को रद्द करने का आग्रह किया है। केंद्र सरकार ने इसे रद्द नहीं करने का निर्णय लिया है। हमारा प्रयास है कि वहां पर खनन गतिविधियां शीघ्र शुरू किया जाये।’’ कोयला मंत्री के बयान के बाद हसदेव मामले में बयानबाजी करने वाले भाजपा नेता डॉ. रमन सिंह, भाजपाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, पूर्व नेता प्रतिपक्ष केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह अब उनका क्या रुख है? वास्तव में वे लोग हसदेव में कोल उत्खनन के विरोधी है तो खदान का आवंटन रद्द कराने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कोयला मंत्री के पास कब जा रहे है? प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का हसदेव मामले में रूख हमेशा से स्पष्ट है। कांग्रेस स्थानीय निवासियों की सहभागिता और बिना सहमति के उत्खनन की पक्षधर कभी नहीं रही है। इसीलिये राजस्थान को आवंटित कोल ब्लाक को अन्यत्र आबंटित करने की मांग छत्तीसगढ़ सरकार ने किया था। विधानसभा में प्रस्ताव भी पारित हुआ था। भारतीय जनता पार्टी इस मामले में शुरू से ही भ्रम फैलाने का काम कर रही थी। राज्य के भाजपा के नेता कोल आवंटन के खिलाफ बयान देते है, केंद्र में इनके नेता कोल आबंटन के पक्ष में निर्णय लेते है।