बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिला मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट परिसर हिंसा और
आगजनी केस में गिरफ्तार 43 लोगों की जमानत हाईकोर्ट ने मंजूर
कर ली है। ऐसा माना जा रहा है कि, इसके साथ ही भिलाई विधायक
देवेंद्र यादव की जमानत को लेकर भी अब रास्ता साफ हो गया है।
उल्लेखनीय है कि, 10 जून 2024
को कलेक्ट्रेट परिसर में जमकर हिंसा, आगजनी और
तोड़फोड़ की घटना हुई थी। पुलिस ने इस हिंसा के मामले में कुल 187 लोगों को गिरफ्तार किया है। लेकिन ट्रायल में हो रही देरी की वजह से
हाईकोर्ट ने इनमें से 43 लोगों की जमानत याचिका मंजूर कर ली
है।
उपद्रवियों ने फूंक डाला
कलेक्ट्रेट दफ्तर
उल्लेखनीय है कि, बलौदाबाजार में
हुई आगजनी और हिंसा ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया था। यह पूरे देश की पहली
ऐसी घटना है जिसमें उपद्रवियों के द्वारा कलेक्टर और एस पी कार्यालय को जला दिया
गया था। हिंसा में उपद्रवियों ने 12.5 करोड़ की शासकीय एवं
निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था। गिरौदपुरी धाम स्थित महकोनी ग्राम के अमरगुफा
की घटना के बाद उपजे विवाद के बाद उग्र भीड़ ने 10 जून को
बलौदाबाजार शहर और जिला संयुक्त कार्यालय में तोड़फोड़ और आगजनी की थी।
जिला प्रशासन के मुख्य कार्यालय- एसपी और कलेक्टर के
कार्यालय तक को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया था। इस आगजनी में दो दमकल की
गाड़िया सहित 200 से अधिक वाहन को आग के हवाले कर
दिया गया था। वहीं 25 से ज्यादा पुलिस कर्मी घायल हुए थे। इस
घटना में 12.53 करोड़ रुपये की संपत्ति के नुकसान का आंकलन
किया गया है।