रायपुर : आज छत्तीसगढ़ विधानसभा के
मानसून सत्र का चौथा दिन है, वहीं
प्रश्नकाल के साथ सदन की कार्यवाही शुरू हुई. इस दौरान विधायक धरमलाल कौशिक ने दवा
व उपकरण खरीदी में अनियमितता का मुद्दा उठाया, जिस पर
स्वास्थ्यमंत्री ने जवाब दिया है.
विधानसभा में उठा दवा व उपकरण खरीदी
में अनियमितता का मुद्दा
विधायक धरमलाल कौशिक ने सवाल पूछते
हुए कहा कि सीजीएमएससी ने दवा और मेडिकल उपकरण की खरीदी में जमकर भ्रष्टाचार किया
गया है. एजी ने भी अपनी रिपोर्ट में इस पर आपत्ति जताई थी. नियमों के विरुद्ध बाजार
दर से अधिक क़ीमत पर खरीदी की गई. बिना मांग सरकारी अस्पतालों में जांच कीट भेजी
गई. तीस से अधिक जिलों में बगैर डिमांड के रिएजेंट भेज दिया गया. इसकी खरीदी कई
गुना अधिक दर पर की गई. लगातार शिकायत के बाद भी अब तक कार्रवाई नहीं हुई.
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी
जायसवाल ने दिया जवाब
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी
जायसवाल ने कहा कि खुली निविदा जारी कर सीजीएमएससी ने दवा और उपकरण की ख़रीदी की
है. एजी रिपोर्ट आने के बाद तथ्य देकर विभाग उसका निराकरण करता है. अन्य राज्यों
के कारपोरेशन की दरों की तुलना कर खरीदी का दर तय किया जाता है. पिछले तीन सालों
में बगैर डिमांड के खरीदी नहीं की गई है. हमर लैब में लगने वाले एनालाइजर और
रिएजेंट की खरीदी डिमांड आने के बाद ही की गई है. रिएजेंट कालातीत नहीं हुए है.
राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में रिएजेंट के खराब होने का आरोप सत्य नहीं
है. ऑटो एनालाइजर मशीन की खरीदी कई गुना दर पर ख़रीदी का आरोप भी सही नहीं है.
खुली निविदा कर एल वन प्राप्त होने के बाद ही खरीदी की गई है.
यह अरबों के घोटाले का मामला –
धरम लाल कौशिक
भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि
ये अरबो रुपये के घोटाले का मामला है. 12- 13 दिसंबर 1022 को एजी रिपोर्ट के आधार पर शिकायत किसने
की थी? किन-किन लोगों के खिलाफ शिकायत हुई थी. उन्होंने कहा
कि मीनाक्षी गौतम सीजीएमएससी में महाप्रबंधक वित्त के पद पर थी. क्या इनके विरुद्ध
शिकायत हुई थी?
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी
जायसवाल ने कहा कि सीएजी की ऑडिट सतत चलने वाली प्रक्रिया है. अब तक कुल 25
शिकायत प्राप्त हुई है. इनमें से 15 शिकायतों
का निराकरण हो गया है. दस शिकायते प्रक्रियाधीन है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा-
विभाग को मीनाक्षी गौतम के विरुद्ध कोई शिकायत प्राप्त नहीं है. तब धरमलाल कौशिक
ने पूछा कि- ट्यूब की खरीदी किस दर पर की गई थी. स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी
जायसवाल ने कहा कि सौ ट्यूब के एक बंडल 2352 रुपये में
ख़रीदी बताई गई थी. अन्य संस्थानों में 8 रुपये 50 पैसे की दर थी. मोक्षित कॉपोरेशन से 100 रुपये की दर
पर खरीदी की गई.
तीन महीने के भीतर इसकी जांच कराई
जाएगी : स्वास्थ्य मंत्री
श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा- पिछली
सरकार में दवा खरीदी और उपकरण ख़रीदी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी. साय
सरकार आने के बाद इन मामलों की जांच के लिये एक कमेटी बनाई गई है. जांच व्यापक है.
इसलिए समय लगेगा. धरमलाल कौशिक ने पूछा- इस मामले की क्या उच्च स्तरीय जांच कराई
जाएगी? स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि तीन महीने
के भीतर इसकी जांच कराई जाएगी. इस पर भाजपा विधायक अमर अग्रवाल ने पूछा कि दवा
खरीदी और उपकरण खरीदी की डिमांड कैसे आती है और इसकी खरीदी कैसे होती है? स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर, एनएचएम द्वारा डिमांड भेजा जाता है. इस डिमांड के आधार पर खरीदी होती है.
विधायक अमर अग्रवाल ने कहा कि जहां ज़रूरत भी नहीं थी. उन जगहों के लिए भी डिमांड
भेजी गई. सप्लायर डिमांड क्रियेट कराते हैं. उसके बाद डिमांड भेजी जाती है. ऐसे
प्रकरणों की क्या ईओडब्ल्यू से जांच कराई जाएगी? स्वास्थ्य
मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि तीन आईएएस अधिकारियों की टीम इस प्रकरण की
जांच कर रही है|