रायपुर : छत्तीसगढ़ सेतु निर्माण
विभाग ने पुल निर्माण की धीमी गति का हवाला देकर सुकमा जिले में 5
निर्माणाधीन कार्यों को निरस्त कर दिया है, तो
वहीं बीते 8 साल से जिले के अंतिम छोर पर बसे छग को उड़ीसा
से जोड़ने वाले कोंटा-मोटू पुल पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर रहा है. सुकमा
जिले में छग सेतु निर्माण विभाग का दोहरा मापदंड साफ नजर आ रहा है|
कोंटा-मोटू पुल का निर्माण कर रहे
संबंधित कंस्ट्रक्शन कंपनी पर विभाग के जिम्मेदार अफसर इतने मेहरबान है कि सालों
से चल रहे निर्माण को लगातार बिना पेनाल्टी के समय वृद्धि देने के साथ-साथ अतिरिक्त
भुगतान देने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. बता दें कि साल 2016
में डॉ रमन सिंह के तीसरे कार्यकाल की भाजपा सरकार में शबरी नदी पर
पुल की मंजूरी मिली थी. करीब 30 करोड़ रुपए पुल निर्माण के
लिए स्वीकृत हुए थे, जो आज उसकी लागत बढ़कर करीब 32 करोड़ हो गया है|
8 साल में नहीं हुआ
कोंटा-मोटू पुल का काम
दक्षिण बस्तर में इन दिनो हो रही
भारी बारिश से जन जीवन प्रभावित हो रहा है, तो
वहीं करोड़ों की लागत से बन रहे निर्माण कार्यों की पोल भी खुल रही है. कोंटा से
मोटू के बीच शबरी नदी पर हाल ही में बनकर तैयार हुआ 32 करोड़
के पुल का एप्रोच भारी बारिश की वजह से कटने लगा है. ठेकेदार ने पुल के दोनो तरफ
मिट्टी और मुरम डालकर एप्रोच का काम किया था. जो बारिश में कटने लगा है|
तकनीकी मापदंड को दरकिनार कर बारिश
से दो माह पहले गर्मी में आनन-फानन में एप्रोच का काम किया गया है. सही ढंग से
कंप्रेशन नहीं होने की वजह से एप्रोच कटने लगा है. साल 2017
से चल रहे पुल निर्माण की गति को देखने से ऐसा लग रहा है कि सेतु
निर्माण विभाग कंस्ट्रक्शन कंपनी पर मेहरबान है|
कवासी लखमा ने किया था सवाल
छत्तीसगढ़ में इन दिनों चल रहे
विधानसभा मानसून सत्र में कोंटा विधानसभा के विधायक व पूर्व मंत्री कवासी लखमा ने
सुकमा जिले में चल रहे निर्माण कार्यों पर सवाल पूछा. कोंटा-मोटू पुल के साथ जिले
में चल रहे पुल निर्माण की जानकारी ली. 5 निर्माणाधीन
पुल को निरस्त करने पर सरकार की मानसिकता पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि
बस्तर में सेतु निर्माण विभाग द्वारा 95 पुल स्वीकृत हैं.
जिसमें केवल सुकमा जिले में चल रहे 11 में से 5 पुल निर्माण कार्यों को ही निरस्त किया गया है, जबकि
सुकमा जिला बेहद नक्सल प्रभावित है और सालों से पुल-पुलिए नहीं होने की वजह से
गांवों तक बुनियादी सुविधाएं नहीं पहुंच पा रही हैं वहीं सेतु विभाग के चीफ
इंजीनियर ने बताया कि भारी बारिश की वजह से एप्रोच कट गया है. अभी निर्माण कार्य
जारी है, जीएसबी होना शेष है. बारिश बंद होने के बाद एप्रोच
का काम किया पूरा किया जाएगा. जो कार्य निरस्त किए गए हैं. उनका रिटेंडर कर पुल
निर्माण को पूरा किया जाएगा|